सामग्री पर जाएं
- तरबूज की फसल हेतु अच्छे से भूमि की तैयारी जरूरी होती है इसीलिए आवश्यकता अनुसार जुताई करके खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए।
- खेत में मौजूद भारी मिट्टी को ढेले रहित करने के बाद ही बीज बोना चाहिए। रेतीली भूमि के लिये अधिक जुताइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार से 3-4 जुताई पर्याप्त होती हैं।
- तरबूज को खाद की आवश्यकता पड़ती है। मिट्टी उपचार के लिये बुआई से पहले मिट्टी समृद्धि किट के द्वारा मिट्टी उपचार किया जाना चाहिए।
- इसके लिए सबसे पहले 50-100 किलो FYM या पकी हुई गोबर की खाद या खेत की मिट्टी में मिलाकर बुआई से पहले खाली खेत में भुरकाव करें।
- बुआई के समय DAP @ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी भुरकाव करें।
Share
- तरबूज की उन्नत खेती के लिए आवश्यकता अनुसार जुताई करके खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए तथा छोटी-छोटी क्यारियां बना लेनी चाहिए।
- खेत को भारी मिट्टी को ढेले रहित कर बीज बोना चाहिए। रेतीली भूमि के लिये अधिक जुताइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस प्रकार से 3-4 जुताई पर्याप्त होती हैं।
- तरबूज को खाद की आवश्यकता पड़ती है। मिट्टी उपचार के लिये बुआई से पहले सॉइल समृद्धि किट के द्वारा मिट्टी उपचार किया जाना चाहिए।
- इसके लिए सबसे पहले 50-100 किलो FYM या पकी हुई गोबर की खाद या खेत की मिट्टी में मिलाकर बुआई से पहले खाली खेत में भुरकाव करें।
- बुआई के समय DAP@ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी@ 75 किलो/एकड़ + पोटाश@ 75 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी भुरकाव करें।
Share