- सोयाबीन की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बुआई के समय उर्वरक का सही उपयोग बहुत आवश्यक होता है। इससे फसल के अंकुरण में बहुत फायदा होता है।
- उर्वरक प्रबंधन के लिए MOP @ किलो/एकड़ + DAP @ 40 किलो/एकड़ + केलड़ान 5 किलो/एकड़ + धानटोटसु 100 ग्राम/एकड़ + ज़िंक सल्फेट 3 किलो/एकड़ + वोकोविट 3 किलो/एकड़ की दर से खेत में भुरकाव करें।
- इसके लिए किसान भाई सोया समृद्धि किट का भी उपयोग कर सकते है।
- बुआई के समय खेत में उचित नमी होना बहुत आवश्यक है। ताकि उर्वरक का संपूर्ण लाभ फसल को मिल सके।
Cotton fertilizer management
फसल में उर्वरक का प्रबंधन मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार करना चाहिए |
यदि मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने पर हमें उर्वरको का निम्नानुसार प्रबंधन करना चाहिए |
बुवाई के 15-20 दिन बाद: – मानसून की पहली बौछार के बाद |
- (यूरिया 50 किलो + डीएपी 50 किलो + एमओपी 50 किलो + PSB 1 ltr.+ KMB 1 ltr + NFB 1 ltr) प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाये ।
बुवाई के 30-35 दिन बाद: –
- (डीएपी 50 किलो + यूरिया 25 किलो + Mgso4 10 किलो + ROOTZ 98 250 ग्राम + ( PSB @ 1 ltr.+ KMB @ 1 ltr+ ) प्रति एकड़ की दर से खेत में समान रूप से मिलाये और फिर सिंचाई शुरू करें।
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ShareFertilizer Management In Tinda
- खेत की तैयारी करते समय 12 टन/एकड गोबर की खाद खेत में मिलाना चाहिये ।
- खेत की जुताई के समय 30 किलो यूरिया, 80 किलो सिगल सुपरफास्फेट एवं 30 किलो पोटाश की मात्रा खेत में मिलाये ।
- शेष बचे हुये 30 किलो यूरिया की मात्रा को खेत में दो से तीन बार में बराबर भागों में बाँट कर डाले ।
- खेत में नाइट्रोजन पोषक तत्व की कमी होने पर पत्तियाँ एवं लताएँ पीले रंग की हो जाती है, साथ ही पौधे की वृद्धि रूक जाती है ।
- यदि भूमि में पोटेशियम की कमी होती है, तब पौधे की बढ़त पत्तियों का क्षेत्रफल कम हो जाता है और फूल झड़ने लगते है व फल लगने बंद हो जाते है ।
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ShareNutrient Management in Okra Crop
- उर्वरक की मात्रा खेत व फसल में उपलब्ध जैविक पदार्थ की उर्वरता और मात्रा पर निर्भर करती है। भूमि तैयारी के समय लगभग 20-25 टन / हेक्टेयर खेत की खाद को मिलाया जाना चाहिए |
- 15 से 20 टन/हे. अच्छी पकी हुई गोबर की खाद, 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन (200 किलो यूरिया), 60 कि.ग्रा. फॉस्फोरस (400 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट) तथा 60 कि.ग्रा. पोटाश (100 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश ) प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिये।
- गोबर की खाद, फॉस्फोरस एवं पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा तथा नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा खेत की अन्तिम तैयारी करते समय मिट्टी में अच्छी तरह से मिला देना चाहिये।
- नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा बीज बोने के 20 दिन बाद तथा शेष एक तिहाई मात्रा बुवाई के 40 दिन बाद कतरों में देना चाहिये।
- संकर किस्मों के लिये अनुमोदित मात्रा-150 कि.ग्रा. नाइट्रोजन (300 किलो यूरिया), 120 कि.ग्रा. फॉस्फोरस( 800 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट) व 75 कि.ग्रा पोटाश (100 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश) प्रति/हेक्टेयर है।
- इनमें से 30% नत्रजन, 50% स्फूर व पोटाश की मात्रा मूल खाद के रूप में दें।
- बाकी 50% फॉस्फोरस, 40% नाइट्रोजन व 25% पोटाश की मात्रा बीज बोने 28 दिन बाद तथा शेष मात्रा बुवाई के 30 दिन बाद खेत में मिला दें।
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