जानिए, सरसों के लिए खेत की तैयारी एवं उर्वरक प्रबंधन कैसे करें?

सरसों की खेती के लिए ठंड और शुष्क मौसम को बेहतर माना जाता है। सरसों की बुवाई अक्टूबर तक, रबी मौसम में कर सकते हैं।

खेत की तैयारी:- बीजों के अच्छे अंकुरण एवं पौध बढ़वार के लिए मिट्टी का भुरभुरा होना आवश्यक है। पिछली फसल की कटाई के बाद एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें। इसके बाद गोबर की खाद 4 टन + स्पीड कम्पोस्ट 4 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से भुरकाव करें। इस कार्य के बाद 2-3 जुताई हैरो की सहायता से करें। खेत में मौजूद अन्य अवांछित सामग्री को हटा दें।अगर मिट्टी में नमी कम हो तो पहले पलेवा करें, फिर खेत की तैयारी करें और आखिरी में पाटा चला कर खेत को समतल बना लें।

पोषक तत्व प्रबंधन:- फसल बुवाई के समय या बुवाई के 15 दिन के अंदर, टीबी 3 (नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फॉस्फेट घुलनशील, और पोटेशियम गतिशील  जैव उर्वरक संघ) @3 किग्रा +  ट्राई-कोट मैक्स @ 4 किग्रा + कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरीडी 1.0 डब्ल्यूपी) @ 1 किग्रा + डीएपी @ 40 किग्रा + यूरिया @ 30 किग्रा + पोटाश @ 30 किग्रा, को आपस में मिलाकर, प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में समान रूप से भुरकाव करें।

👉🏻इसके पश्चात बीज की बुवाई करें, एक एकड़ क्षेत्र के लिए, 2 से 3 किग्रा बीज की मात्रा पर्याप्त होती है। फसल को पंक्तियों में बोना चाहिए। इसके लिए, पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10  सेमी की रखें। बीज बुवाई की गहराई 3 सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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