ऐसे करें मूंग की बुवाई करते समय उर्वरक प्रबंधन

Fertilizer management at the time of sowing in moong crop
  • मूंग की बुवाई के समय अच्छे अंकुरण और फसल के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन तत्वों में फास्फोरस, पोटाश, जिंक, सल्फर प्रमुख होते हैं।

इनके लिए बुवाई के समय निम्न उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है:

  • इसमें डीएपी 40 किलोग्राम + म्यूरेट ऑफ पोटाश 20 किलोग्राम + ज़िंक सल्फेट 5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करना चाहिए।  

  • इसके साथ ही ग्रामोफ़ोन की ‘मूंग समृद्धि किट’ का उपयोग आवश्यक रूप से करें। इस किट में आपको मूंग की फसल की स्वस्थ बढ़वार के लिए उपयोगी सारे पोषक तत्व साथ मिल जाएंगे।

  • इस किट का प्रयोग उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस किट में कई उत्पाद संलग्न हैं, जिसमें – पी के बैक्टीरिया (प्रो कॉम्बिमैक्स), राइज़ोबियम कल्चर (जैव वाटिका-आर), ट्राइकोडर्मा विरिडी (कॉम्बेट), ह्यूमिक एसिड, सीवीड एक्स्ट्रैक्ट, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा (मैक्समाइको) आदि शामिल हैं।

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मूंग की फसल में बुवाई के समय जरूरी है उर्वरक प्रबंधन

Fertilizer management at the time of sowing in moong crop
  • मूंग की फसल में होने वाले मिट्टी जनित कीटों नियंत्रण लिए बुवाई के पहले 50- 100 किलो FYM के साथ मेट्राजियम कल्चर को मिलाकर खाली खेत में बिखेर दें। इससे मिट्टी में उपस्थित कीटों के नियंत्रण में सहायता मिलती है।

  • इसके अलावा दूसरे आवश्यक तत्व, जो मूंग की बुवाई के समय अच्छे अंकुरण के लिए बहुत आवश्यक होते है वे सभी पोषक तत्व मिट्टी उपचार के रूप में मूंग की बुवाई के समय दिए जाते हैं।

  • इसके अंतर्गत DAP @ 40 किलो/एकड़ + MOP @ 20 किलो/एकड़ + ज़िंक सल्फेट @ 5 किलो की दर से मिट्टी में मिलाकर बुवाई से पहले खाली खेत में भुरकाव करें।

  • इसके साथ ही ‘मूंग समृद्धि किट’ का भी उपयोग कर सकते हैं जो आपकी फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट में आपको बहुत कुछ एक साथ मिलेगा, जिसकी जरुरत मूंग की फसल को होती है।

  • इस किट में कई लाभकारी उत्पाद संलग्न हैं। इन उत्पादों में पीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया, राइज़ोबियम बैक्टीरिया, ट्राइकोडर्मा विरिडी, ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा शामिल हैं।

  • इन सभी उत्पादों को मिट्टी या गोबर की खाद में मिलाकर बुवाई के पूर्व खेत में बिखेर दें।

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