अगेती फूलगोभी की नर्सरी में मिट्टी उपचार कैसे करें?

How to do soil treatment in Cotton crop?
  • नर्सरी की क्यारियों को बनाते समय गोबर की खाद 8-10 किलो प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि में मिला दें। आद्रगलन रोग से बचाव हेतु 25 ग्राम ट्राईकोडर्मा विरिडी प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलाना चाहिये। या
  • आद्रगलन बीमारी द्वारा पौध को होने वाली हानि से बचाने के लिए मेटालैक्सिल 4% + मैन्कोजेब 64% WP का 3 ग्राम या थायोफिनेट मिथाइल 75 WP का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर ड्रेंचिंग करें।
  • पौधों को रसचूसक कीटों के आक्रमण से बचाने के लिए थायोमेथोक्सम 25% WG का 0.5 ग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से नर्सरी तैयारी के समय डालें।
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अगेती फूलगोभी की उन्नत किस्में, बीज दर, बुआई समय आदि की जानकारी

Know about Early Cauliflower improved varieties, seed rate, sowing time
  • फूलगोभी की अगेती किस्में जैसे-पूसा कार्तिक संकर, पूसा दीपाली, पूसा कार्तिकी, पूसा अश्वनी, पूसा मेघना आदि प्रमुख है।
  • संकर फूलगोभी किस्मों के लिए 150 ग्राम बीज प्रति एकड़ की दर से पर्याप्त होता है।
    फूलगोभी की अगेती बुआई का समय मध्य मई से जून के मध्य तक होता है जिसकी रोपाई 5-6 सप्ताह बाद की जाती है।
  • बुआई के पूर्व बीजों को 2 ग्राम कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5% WP प्रति कि.ग्राम की दर या ट्राईकोडर्मा विरिडी 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
  • बीजो की बुआई क्यारियों में की जाती है। क्यारियों का आकार 3 x 6 मीटर होना चाहिए, जो ज़मीन से 10 से 15 सेंटीमीटर ऊपर उठी हुई हो।
  • दो क्यारियों के बीच की दूरी 70 सेंटीमीटर होनी चाहिये। जिससे अन्तरसस्य क्रियाएं आसानी से की जा सके।
  • नर्सरी की क्यारियों की सतह भुरभुरी एवं समतल होनी चाहिये।
  • भारी भूमि में ऊँची क्यारियों का निर्माण करके जल भराव की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • नर्सरी के लिए क्यारियों को बनाते समय गोबर की खाद 8-10 किलो प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि में मिला दें।
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