ग्रामोफ़ोन से मिट्टी परीक्षण कराना खरगोन के किसान के लिए साबित हुआ वरदान

खेती के लिए जो सबसे अहम जरुरत होती है वो होती है मिट्टी की, इसीलिए मिट्टी का स्वस्थ होना किसी भी फसल से ज़बरदस्त उत्पादन प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसी तथ्य को समझा खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पीपरी के रहने वाले किसान श्री शेखर पेमाजी चौधरी ने। शेखर पिछले कुछ सालों से करेले की खेती कर रहे थे जिसमें कभी नुकसान तो कभी थोड़ा फायदा भी होता था पर इस बार उन्होंने ग्रामोफ़ोन की सलाह अनुरूप करेला उगाया जिसमे उन्हें हर बार से कहीं अच्छा मुनाफ़ा मिला।

इस बार शेखर ने करेले की खेती से पहले ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से अपने खेतों का मिट्टी परीक्षण करवाया और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार मिट्टी उपचार भी करवाया। ऐसा करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति हो गई और वो फसल के लिए तैयार हो गया। इसके बाद शेखर ने करेले की खेती की और जब उत्पादन की बारी आई तो यह पहले से काफी अधिक रहा।

तो कुछ इस तरह मिट्टी परीक्षण ने शेखर को दिलाया करेले की फसल से अच्छा उत्पादन। अगर आप भी अपने खेतों के मिट्टी का परीक्षण करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर संपर्क कर सकते हैं। आपको मिट्टी परीक्षण से जुड़ी हर जानकारी यहाँ दी जायेगी। इसके अलावा आप ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर भी लॉगिन कर सकते हैं।

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ग्रामोफ़ोन की मदद से सोयाबीन की खेती विष्णु ठाकुर के लिए बन गई लाभ का सौदा

इंदौर जिले के देपालपुर तहसील के बिरगोदा गांव के रहने वाले किसान भाई विष्णु ठाकुर पिछले 10 वर्षों से खेती कर रहे हैं और मुख्यतः वे सोयाबीन, गेंहू, चना, लहसुन, आलू जैसी फ़सलों की खेती करते हैं। विष्णु जी खेती के दौरान अपनी फ़सलों में लगने वाली बीमारियों की वजह से परेशान रहते थे और इसी वजह से उन्हें अपनी फसल से अच्छा उत्पादन भी नहीं मिल पाता था।

जब विष्णु अपनी फ़सलों से संबंधित इन समस्याओं से परेशान थे उसी दौरान उन्हें ग्रामोफ़ोन के बारे में पता चला और वे इससे जुड़ गये। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद उनके समस्याओं का निदान मिलने लगा। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने टीम ग्रामोफ़ोन को बताया की “ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद आज मेरी फ़सलों में सुधार हुआ है। पहले मेरी फसलें जो घाटे का सौदा या फिर ‘ना नफा ना नुकसान’ की तरह होती थीं वहीं अब यह मुनाफ़ा दे रही हैं। विष्णु मानते हैं की ग्रामोफ़ोन ने खेती को ‘लाभ का धंधा’ बना दिया है।

बहरहाल विष्णु को अपनी परेशानियों से निजात दिलाने में ग्रामोफ़ोन ने मदद की। इसी का नतीजा था की उनका सोयाबीन का उत्पादन पूर्व में हुए उत्पादन का लगभग दोगुना हो गया। जहाँ पहले विष्णु को सोयाबीन की खेती से 195000 रूपये का मुनाफ़ा हुआ वहीं ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद यह मुनाफ़ा बढ़ कर 380000 रूपये हो गया।

अगर आप भी अपनी खेती को लेकर किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो विष्णु की तरह आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ कर अपनी परेशानियों का निदान प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन कर सकते हैं।

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ग्रामोफ़ोन की सलाह ने किसान को कपास की खेती से दिलवाया डबल प्रॉफिट

भारत की भूमि काफी उपजाऊ है और शायद इसीलिए भारत हमेशा से कृषि प्रधान देश रहा है। किसान भाइयों को उचित मार्गदर्शन मिले तो इसी उपजाऊ भूमि से 100% तक लाभ उठाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही लाभ ग्रामोफ़ोन के द्वारा मिले मार्गदर्शन से बड़वानी के किसान भाई श्री शिव कुमार चौहान ने उठाया।

ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर शिव कुमार ने कपास की उन्नत खेती की और फसल से ज़बरदस्त उत्पादन प्राप्त किया। इस उत्पादन से उन्हें कुल 22 लाख रूपये की कमाई हुई। यहाँ आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की इससे पहले कपास की खेती से इनकी कमाई 11 लाख तक ही रहती थी। पर ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ाव और कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन ने कमाई को एक ही साल में दोगुना कर दिया।

ग़ौरतलब है की कपास की खेती के दौरान शिव कुमार ने कई बार ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से सलाह ली और साथ ही बीज, उर्वरक और दवाइयाँ भी मंगाई। आखिर में जब उन्होंने उत्पादन देखा तो वे आश्चर्यचकित रह गए। उनका उत्पादन तो दोगुना हुआ ही साथ ही साथ उनकी उपज की क्वालिटी भी पहले से काफी बेहतर थी।

आज शिव कुमार ग्रामोफ़ोन को धन्यवाद करते हुए सभी किसानों को ग्रामोफ़ोन से जुड़ने की सलाह देते हैं ताकि उनकी ही तरह अन्य किसान भी लाभ उठा पाएं और अपनी कृषि को उन्नत कर पाएं।

आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ कर अपनी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल कर सकते हैं या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन कर सकते हैं।

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मिला ग्रामोफ़ोन का साथ तो बड़वानी के कपास किसान कालू जी ने पाया दोगुना मुनाफ़ा

कभी कभी जिंदगी में किसी का साथ मिल जाने से जिंदगी जीने का लुत्फ़ दोगुना हो जाता है। कुछ ऐसा ही लुत्फ़ बड़वानी जिले के टिकरी तहसील में स्थित गांव हवोला के रहने वाले किसान श्री कालू जी हम्मड़ को किसानों के सच्चे साथी ग्रामोफ़ोन का साथ मिलने से मिला। दरअसल कालू जी कपास की खेती करते थे और ठीक ठाक कमाई भी करते थे। इसी दौरान वे ग्रामोफ़ोन के सम्पर्क में आये और एक साल ग्रामोफ़ोन की सलाह पर कपास की खेती की।

कपास की खेती के दौरान कालू जी ने कई बार ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से सलाह ली और साथ ही बीज, उर्वरक और दवाइयाँ भी मंगाई। आखिर में जब उन्होंने उत्पादन देखा तो वे आश्चर्यचकित रह गए। उनका उत्पादन दोगुना हो चुका था और उपज की क्वालिटी भी बेहतर थी।

जहाँ पहले उन्हें 2 लाख का मुनाफ़ा होता था वहीं ग्रामोफ़ोन का साथ मिलने के बाद यह मुनाफ़ा दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर साढ़े चार लाख हो गया। यही नहीं, कालू जी की लागत भी पहले से बहुत कम रही। जहाँ पहले कपास की खेती में लागत 40 हजार आती थी वहीं ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आने के बाद लागत भी घटकर महज 25 हजार हो गई।

आज कालू जी ग्रामोफ़ोन को धन्यवाद करते हुए सभी किसानों को ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए कहते हैं ताकि वे किसान भी उनकी ही तरह लाभ उठा पाएं।

कालू जी की ही तरह अगर अन्य किसान भाई भी कृषि सम्बन्धी किसी भी समस्या से परेशान हैं या अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो इस बाबत ग्रामोफ़ोन के टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल कर कृषि विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं।

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केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने में बीजों की भूमिका को बताया अहम

किसी भी फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिस चीज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है वो है उन्नत किस्म के बीज। बीज की इसी महत्ता को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समझा और नई दिल्ली में आयोजित भारतीय बीज कांग्रेस – 2020 को संबोधित करते हुए इस पर वक्तव्य भी दिया।

कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि “भारत एक कृषि प्रधान देश है, हमारे देश की अर्थव्यवस्था गांव और कृषि पर निर्भर है, कृषि और गांव के ताने बाने के परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था को लगने वाले झटकों से उबरने में सफलता मिली है।” बीज की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा की “बीज उत्पादकों के अनुसंधान और वैज्ञानिकों के योगदान के फलस्वरूप आज देश खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि आवश्यकता से अधिक उत्पादन करके एक कीर्तिमान स्थापित करने में भी सफल हुआ है।”

किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी बेहतर कृषि हेतु बीजों की अहमियत को समझता है और इसीलिए उन्नत किस्म के बीज किसान भाइयों के घर तक बिना किसी डिलीवरी चार्ज के पहुँचाता है। उन्नत किस्म के बीज अपने घर पर मंगाने के लिए किसान भाई ग्रामोफ़ोन कृषि एप के ‘बाजार’ सेक्शन से इसके लिए ऑर्डर कर सकते हैं या फिर टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर के भी बीज मंगवा सकते हैं।

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