How much and when apply fertilizer in corn:

  • गोबर की अच्छी सड़ी खाद 10 टन प्रति एकड़ अंतिम जुताई के समय मिलाये |
  • मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने पर यूरिया 20 किलो, डीएपी 70 किलो और पोटाश 35 किलो प्रति एकड़ के अनुसार बुवाई के समय देना चाहिए |
  • फसल में बेसल डोज मिट्टी, किस्म और अन्य कारकों पर भिन्न हो सकता है।
  • मक्का की फसल में यूरिया की कुल आवश्यकता 60-72 किग्रा/एकड़ होती है। यूरिया की पूरी मात्रा को निम्न अनुसार देना चाहिए | 
न.        फसल अवस्था       नाइट्रोजन  (%)
1 बेसल (बुवाई के समय )         20
2 V4 (चार पत्ती की अवस्था ) 25
3 V8 (आठ पत्ती की अवस्था) 30
4 VT (फूल आने के बाद ) 20
5 GF (दाने भरने की अवस्था ) 5

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Nutrient Management in Okra Crop

  • उर्वरक की मात्रा खेत व फसल में उपलब्ध जैविक पदार्थ की उर्वरता और मात्रा पर निर्भर करती है। भूमि तैयारी के समय लगभग 20-25 टन / हेक्टेयर खेत की खाद को मिलाया जाना चाहिए |
  • 15 से 20 टन/हे. अच्छी पकी हुई गोबर की खाद, 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन (200 किलो यूरिया), 60 कि.ग्रा. फॉस्फोरस (400 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट) तथा 60 कि.ग्रा. पोटाश (100 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश ) प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिये।
  • गोबर की खाद, फॉस्फोरस एवं पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा तथा नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा खेत की अन्तिम तैयारी करते समय मिट्टी में अच्छी तरह से मिला देना चाहिये।
  • नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा बीज बोने के 20 दिन बाद तथा शेष एक तिहाई मात्रा बुवाई के 40 दिन बाद कतरों में देना चाहिये।
  • संकर किस्मों के लिये अनुमोदित मात्रा-150 कि.ग्रा. नाइट्रोजन (300 किलो यूरिया), 120 कि.ग्रा. फॉस्फोरस( 800 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट) व 75 कि.ग्रा पोटाश (100 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश) प्रति/हेक्टेयर है।
  • इनमें से 30% नत्रजन, 50% स्फूर व पोटाश की मात्रा मूल खाद के रूप में दें।
  • बाकी 50% फॉस्फोरस, 40% नाइट्रोजन व 25% पोटाश की मात्रा बीज बोने 28 दिन बाद तथा शेष मात्रा बुवाई के 30 दिन बाद खेत में मिला दें।

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डीएपी के दाम कम होने की संभावना

डीएपी के दाम कम होने की संभावना:-

पिछले दिनों में डीएपी उर्वरक के दाम उछाल सब्सिडी नीति न्यूट्रीएंट बेस्ड योजना में फास्फेट पर अनुदान में लगभग 27% की वृद्धि करना पड़ी थी | हालांकि केंद्र ने पोटाश पर अनुदान में लगभग 10% की कमी कर दी | केंद्र शासन के उर्वरक विभाग नई उर्वरक अनुदान नीति के क्रियान्वयन के लिए गाईड लाईन्स जारी करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि बोरोन तथा जिंक कोटेड फास्फोटिक अथवा पोटेशिक उर्वरकों पर क्रमशः 300 रु. व 500 रु. प्रति टन की दर से अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी| जिससे किसानों में इन सूक्ष्म तत्वों के उपयोग को भी बढ़ावा मिले| उर्वरक विभाग ने यह भी निर्देश दिए है कि इन उर्वरकों के निर्माता उर्वरक के बैग पर अनुदान राशि दर्शाते हुए एम आर पी आवश्यक रूप से प्रिंट करें| प्रिंटेड एम आर पी से अधिक दर पर उर्वरक बेचना दंडनीय अपराध होगा|

Source:- www.krishakjagat.org

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