मिर्च की नर्सरी में आर्द्र गलन रोग की पहचान और बचाव के उपाय

  • यह बीमारी नर्सरी में दो चरणों में आ सकती है। पहले चरण में अंकुरण से पहले मिर्च का बीज फंगस से सड़ जाता है, दूसरे चरण में अंकुरण के बाद तने का आधार सड़ने लगता है।
  • जिससे कमजोर और चिपचिपे तने पर पानी से भरे, कत्थई या काले घाव दिखाई देने लगते है।
  • इसके बाद की अवस्था में तना सिकुड़ जाता है और पौधा जमीन पर गिर कर मर जाता है।
  • इसके बचाव के लिए ट्राइकोडर्मा विरिडी 5 ग्राम या कार्बोक्सिन 37.5% + थायरम 37.5% WP 3 ग्राम प्रति किलो बीज उपचार करें।
  • इसके बचाव के लिए 30 ग्राम थायोफिनेट मिथाइल 70% WP या 30 ग्राम मेटालैक्सील 4% + मैंकोजेब 64% WP नाम की दवा को 15 लीटर पानी में मिलाकर मिट्टी में छिड़काव करें।
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