सोशल मीडिया के जरिए किसानों को शिक्षित कर रही है सरकार: नरेंद्र सिंह तोमर

हम इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में हैं। लगभग हर कंपनी या संगठन अपने ग्राहकों से जुड़ने के लिए इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही है। अब इसी कड़ी में अब सरकार राष्ट्र के किसानों के साथ जुड़ने के लिए भी कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का भी उपयोग कर रही है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बाबत कहा कि सरकार देश भर में किसानों को शिक्षित करने के लिए फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि का उपयोग कर रही है। भारत में खेती के विकास पर बोलते हुए, तोमर ने कहा कि “सरकार ने किसानों के लाभ के लिए लगभग 100 मोबाइल एप संकलित किए हैं। ये एप ICAR, कृषि विज्ञान केंद्र और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा विकसित किए गए हैं।”

किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी पिछले चार वर्षों से किसानों का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारे कृषि विशेषज्ञ हमारे मोबाइल एप और विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से किसानों को बहुमूल्य सुझाव देते रहते हैं। किसान अपनी फ़सलों में किसी भी समस्या का समाधान पाने के लिए हमें हमारे टोल-फ्री नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं।

Share

मार्च-अप्रैल में फसलों की इन किस्मों की करें बुवाई, तो ज़रूर बढ़ेगी पैदावार

क्र.  फसल का नाम        प्रमुख किस्म के नाम (कम्पनी का नाम)
1. करेला नागेश (हाइवेज),अमनश्री, US1315 (ननहेमस),आकाश (VNR)
2. लौकी आरती
3. कद्दू कोहीनूर (पाहुजा), VNR 11 (VNR)
4. भिंडी राधिका, विंस प्लस (गोल्डन), सिंघम (ननहेम्स), शताब्दी (राशि)
5. धनिया सुरभी (नामधारी), LS 800 (पाहुजा)
Share

मिश्रित खेती के अंतर्गत लगायी जाने वाली फसलें

 

क्र. मुख्य फसल         अंतरसस्य फसले 
1. सोयाबीन  मक्का, अरहर
  • इंटरकल्चरल या मिश्रित फसलों के लिए, सब्जियों की वृद्धि दर, जड़ों का वितरण, पौष्टिक प्रकृति, कीटों के प्रकोप और बीमारी, बाजार की मांग आदि पर विचार किया जाना चाहिए।
  • फसल प्रणाली स्थायी नहीं होनी चाहिए और यह मौसम, कीट और बीमारियों के प्रकोप, बाजार मूल्य और मांग तथा उत्पादक के अनुसार बदलना चाहिए।
2. भिड़ी    धनियाँ, पालक 
3. कपास  मूँगफली, उड़द, हरी मूंग, मक्का
4. मिर्ची  मूली, गाजर 
5. आम  हल्दी, प्याज 

 

Share

Measures for prevention of frost in crops

  • इसके लिए हमें पौधों की पत्तियों पर शाम के समय हल्की सिंचाई करनी चाहिए | 
  •  हर साल खेत में थोड़ी मात्रा में रेत के इस्तेमाल से फसलों में पाले का असर कम हो जाता है|
  • सुखा खरपतवार तथा सूखी लकड़ियां हवा के विपरीत दिशा में जलाने से भी पाले में कमी आती है | 
  • सल्फर 90 % WDG पाउडर को 3 किलोग्राम 1 एकड़ में छिड़काव करने के बाद सिंचाई करें ।या 
  • सल्फर 80% WDG पाउडर को 40 ग्राम प्रति पम्प (15 लीटर पानी) में मिलाकर स्प्रे करें ।
  • स्यूडोमोनास  फ्लोरोसेंस १  किलो प्रति एकड़ छिड़काव करे.

Share