फूल आने की अवस्था में अरहर की फसल में ऐसे करें प्रबंधन

Crop Management in Pigeonpea at Flowering Stage
  • अरहर की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बहुत ही सावधान रहने का समय है क्योंकि इस समय अरहर की फसल में फूल आते हैं।
  • ऐसे में थोड़ी सी सावधानी बरत कर किसान अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। फूल आने की अवस्था में अरहर की फसल में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए।  
  • अरहर में फूल झड़ने का एक कारण थ्रिप्स का प्रकोप भी है जिसका नियंत्रण समय पर करना बहुत आवश्यक होता है। 
  • इसी के साथ यदि इस अवस्था में अरहर की फसल में तनाव की स्थिति बनती है तो इसके निवारण के लिए होमोब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 
  • थ्रिप्स के प्रकोप के निवारण के लिए फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 200 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG@ 40 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 80 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें 
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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