कपास समृद्धि किट अपनाएं, स्वस्थ फसल पाएं

👉🏻किसान भाइयों कपास की फसल सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाई जा सकती है। जिससे स्वस्थ फसल के साथ जबरदस्त उत्पादन लेने के लिए कपास समृद्धि किट का इस्तेमाल जरूर करें। 

👉🏻ग्रामोफ़ोन विशेष ‘कपास समृद्धि किट’ जो आपकी कपास की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट के उपयोग के बाद आपकी फसल को वो सब कुछ मिलेगा, जिसकी जरूरत कपास की फसल को होती है।

👉🏻अन्तिम जुताई के समय ग्रामोफ़ोन विशेष ‘कपास समृद्धि किट’ को 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर अन्तिम जुताई के साथ मिला दें l उसके बाद हल्की सिंचाई कर दें l 

👉🏻इस किट में लाभकारी बैक्टीरिया, कवक एवं पोषक तत्वों का मिश्रण है, इसका उपयोग खेत में बुवाई के समय भुरकाव करने से फसल का विकास बहुत अच्छा होता है एवं पौधे को बहुत सी बीमारियों से बचाया जा सकता है, यह किट मिट्टी की उर्वरा  शक्ति को भी बढ़ाने में सहायता करता है।

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कपास समृद्धि किट का कमाल, भारी बारिश के बावजूद मिली कपास की अच्छी उपज

Cotton Samriddhi Kit

बड़वानी जिले के साली गांव के किसान मोहन बर्फा जी ने विपरीत परिस्थितियों के बाद भी कपास की अच्छी उपज पाई। उन्होंने बताया की पिछले साल बारिश के कारण ज्यादातर किसानों की कपास की फसल को परेशानी का सामना करना पड़ा। पर इसके बाद भी उनकी फसल से अच्छी उपज प्राप्त हुई। अपनी इस सफलता का श्रेय मोहन जी ग्रामोफ़ोन और कपास समृद्धि किट को देते हैं।

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फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मिर्च समृद्धि किट की मदद से हुई जबरदस्त मिर्च की उपज, किसान हुआ मालामाल

Cotton Samriddhi Kit

खरगोन जिले के जामली गांव के किसान शुभम चौहान ने कृषि क्षेत्र में स्नातक तक की पढ़ाई की और फिर ग्रामोफोन की मदद से स्मार्ट खेती करने की शुरुआत की। उन्हें इसका बहुत अच्छा नतीजा मिला, ख़ास कर के मिर्च की फसल में जब उन्होंने ग्रामोफ़ोन की मिर्च समृद्धि किट का इस्तेमाल किया तो इससे उपज में 40% की भारी वृद्धि देखने को मिली।

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कपास समृद्धि किट से कपास की फसल को दें संपूर्ण पोषण, ऐसे करें उपयोग

cotton samriddhi kit

  • कपास एक महत्वपूर्ण रेशा और नकदी फसल है।

  • इसकी बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।

  • कपास में बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार के लिए कपास समृद्धि किट का उपयोग करने से फसल का विकास बहुत अच्छा होता है।

  • इसलिए अंतिम जुताई के बाद बुआई के समय या मानसून की पहली बौछार के बाद ग्रामोफ़ोन की पेशकश ‘कपास समृद्धि किट’ की 4.2 किलो की मात्रा को 50 किलो अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर खेत में भुरकाव करें और इसके बाद हल्की सिंचाई कर दें।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें। उपर्युक्त बताये गए बीजों की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।

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कपास की फसल से लें जबरदस्त उपज, कपास समृद्धि किट का करें उपयोग

Cotton Samriddhi Kit

  • ‘कपास समृद्धि किट’ आपकी कपास की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट में आपको वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत कपास की फसल को होती है।

  • खेत की अंतिम जुताई के समय ग्रामोफोन ‘कपास समृद्धि किट’ को 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर डालें और उसके बाद हल्की सिंचाई कर दें।

  • इस किट में लाभकारी बैक्टीरिया, कवकों एवं पोषक तत्वों का मिश्रण है इसका उपयोग खेत में बुआई के समय भुरकाव करने से फसल का विकास बहुत अच्छा होता है एवं पौधों को बहुत सी बीमारियों से बचाया जा सकता है। यह किट मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाने में सहायता करती है।

  • आप कपास समृद्धि किट का इस्तेमाल ड्रिप के साथ भी कर सकते हैं इसके लिए कपास की ड्रिप समृद्धि किट है जो जल में पूर्णतः घुलनशील है एवं ड्रिप के लिए उपयोगी है।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें। उपर्युक्त बताये गए बीजों की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।

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जानें क्या है कपास समृद्धि किट के उपयोग का तरीका

  • कपास समृद्धि किट का उपयोग करने के लिए खेत की अंतिम जुताई के समय या बुआई से पहले किट के उत्पादों को गोबर की सड़ी हुई खाद में उपयुक्त मात्रा के अनुसार मिला देना चाहिए।
  • कपास समृद्धि किट जिसमें एस.के. बायोबिज़, ग्रामेक्स, कॉम्बैट और ताबा-जी जैसे उत्पाद हैं, को 8.1 किलो प्रति 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में बुआई से पहले एक एकड़ के खेत में मिलादें।
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जाने कपास समृद्धि किट के बेहतरीन उत्पाद

ग्रामोफ़ोन की पेशकश “कपास समृद्धि किट” का इस्तेमाल आपकी कपास की फसल के लिए वरदान साबित होगा। आइये जानते हैं इस किट में मौजूद बेहतरीन उत्पादों के बारे में।

  • एस. के. बायोबिज़: यह एन.पी.के. बैक्टीरिया का कंसोर्टिया है जो एजोटोबैक्टर, फॉस्फोरस सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया और पोटेशियम मोबिलाइज़िंग बैक्टीरिया से मिलकर बना है। यह पौधों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम उपलब्ध कराते हैं।
  • ग्रामेक्स: इस उत्पाद में ह्यूमिक एसिड, एमिनो एसिड, समुद्री शैवाल और माइकोराइजा आदि तत्वों का ख़ज़ाना होता है।
  • कॉम्बैट: इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों की रोकथाम में सक्षम है।
  • ताबा-जी: इसमें जिंक सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया होते हैं, जो पौधे को जिंक तत्व उपलब्ध कराता है।
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बुआई से पहले बेहतर भूमि प्रबंधन कर कपास की फसल से प्राप्त करें अच्छा उत्पादन

  • कपास में कृषि प्रक्रिया गहरी जुताई के साथ आरंभ करने के बाद 3-4 बार हैरो चला दें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो और इसकी जल धारण क्षमता भी बढ़ जाये। ऐसा करने से मिट्टी में उपस्थित हानिकारक कीट, उनके अंडे, प्युपा तथा कवकों के बीजाणु भी नष्ट हो जाते हैं।
  • ग्रामोफ़ोन की पेशकश कपास समृद्धि किट में मिट्टी उपचार करने के लिए अनेक उत्पाद है जो भूमि प्रबंधन को बेहतर करते है। इस किट में जिंक सोलूबलाइज़िंग बैक्टेरिया, समुद्री शैवाल, एमिनो एसिड, ह्यूमिक एसिड, माइकोराइजा, ट्राइकोडर्मा विरिडी और एनपीके कन्सोर्टिया बैक्टेरिया शामिल हैं।
  • इस कपास समृद्धि किट का वज़न 8.1 किलो है, इसे 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर बुआई से पहले एक एकड़ खेत में मिला दें।
  • ऐसा करने से भूमि की संरचना व जल धारण क्षमता में सुधार होता है, पौधें का संपूर्ण विकास व संपूर्ण पोषण वृद्धि के साथ-साथ हानिकारक मृदाजनित कवक रोगों से भी सुरक्षा हो जाती है।
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कपास समृद्धि किट में उपस्थित उत्पादों के फायदे

  • कपास समृद्धि किट मिट्टी की उत्पादकता बढ़ा कर उपज को बेहतर करने में सहयोग देता है।
  • यह जैविक कार्बन को बढ़ाने में भी सहायक है।
  • ये उत्पाद उर्वरक उपयोग दक्षता में सुधार लाकर गुणवत्ता के साथ उपज में वृद्धि करता है। जिससे रासायनिक उर्वरकों की मात्रा को कम किया जा सकता है।
  • इसका कार्य प्रारंभिक अंकुर वृद्धि कर जड़ विकास और पौध स्वास्थ्य विकास करना है।
  • यह मिट्टी संरचना में सुधार लाकर मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को भी बढ़ाता है।
  • फसल में लगने वाले जड़ सड़न, उकठा, आद्र गलन जैसे मृदाजनित रोगों से रक्षा करता है।
  • नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक, फॉस्फेटिक, पोटाश तथा जिंक पोषक तत्वों की सतत आपूर्ति कर उर्वरक इनपुट लागत में कमी लाता है।
  • ये उत्पाद जैविक होते है जो कोई विषैला प्रभाव नहीं छोड़ते है।
  • मिट्टी PH और जल धारण क्षमता में सुधार करता है।

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क्या हैं कपास समृद्धि किट के बेहतरीन उत्पाद, जाने उपयोग का तरीका

  • एस. के. बायोबिज़: इसमें एन.पी.के. बैक्टीरिया के कंसोर्टिया है जो एजोटोबैक्टर, फॉस्फोरस सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया और पोटेशियम मोबिलाइज़िंग बैक्टीरिया से मिलकर बना है। जो नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम पौधों को उपलब्ध कराते हैं। 100 ग्राम एन.पी.के. बैक्टीरिया को 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से मिलाकर अंतिम जुताई के समय खेत में बिखेर देना चाहिए।
  • ग्रामेक्स: इस उत्पाद में ह्यूमिक एसिड, एमिनो एसिड, समुद्री शैवाल और माइकोराइजा आदि तत्वों का खजाना होता है। यह 2 किलो प्रति एकड़ की दर से 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर अंतिम जुताई के समय खेत में बिखेरना चाहिए।
  • कॉम्बैट: इस उत्पाद में ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवकों की रोकथाम में सक्षम है। यह 4 ग्राम प्रति किलो बीज उपचार के लिए तथा 2 किलो प्रति एकड़ की दर से 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर मिट्टी उपचार में काम आता है।
  • ताबा-जी: इसमें जिंक सोलूबलाइज़िंग बैक्टीरिया होते है, जो पौधे को जिंक तत्व उपलब्ध कराता है। यह 4 किलो प्रति 4 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर एक एकड़ खेत में अंतिम जुताई के समय खेत में बिखेरकर उपयोग किया जाता है।

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