धनिया की खेती से कम समय में मिल जायेगी जबरदस्त उपज और होगी खूब कमाई

Coriander cultivation will give tremendous yield in less time and earn a lot
  • धनिया की फसल के लिए शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा होता है। इसके बीजों के अंकुरण के लिए 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा होता है।

  • धनिया की सिंचित फसल के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे अधिक उपयुक्त होती है और असिंचित फसल के लिए काली भारी भूमि अच्छी होती है। धनिया क्षारीय एवं लवणीय भूमि को सहन नही करता है।

  • सिंचित क्षेत्र में अगर, जुताई के समय भूमि में पर्याप्त नमी न हो तो भूमि की तैयारी सिंचाई करने के उपरांत करनी चाहिए। इससे जमीन में जुताई के समय ढेले भी नही बनेंगे तथा खरपतवार के बीज अंकुरित होने के बाद जुताई के समय नष्ट हो जाएंगे।

  • धनिया की उन्नत किस्में  जैसे फाऊजा, सुरभी, रौनक-31 की खेती कर सकते हैं। बोने के समय की बात करें तो हरे पत्तों की उपज के लिये अप्रैल – मई माह में इसकी बिजाई कर सकते हैं।

  • सिंचित फसल में 15-20 किग्रा/हे तथा असिंचित फसल में 25-30 किग्रा/हे बीज की आवश्यकता होती है।

  • भूमि एवं बीज जनित रोगों से बचाव के लिए बीज को करमानोवा (कार्बेंन्डाजिम + मेंकोजेब) 2.5 ग्रा./कि.ग्रा. से उपचारित करें। धनिया की अच्छी पैदावार लेने के लिए गोबर खाद 20 टन/हे का भुरकाव करें। सिंचित फसल 60 किग्रा नत्रजन, 40 किग्रा फॉस्फोरस, 20 किग्रा पोटाश तथा 20 किग्रा सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से उर्वरक का उपयोग करें।

कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना ना भूलें।

Share