करेले की फसल में पर्ण सुरंगक कीट की ऐसे करें रोकथाम

Control of leaf minor pest in bitter gourd crop
  • किसान भाइयों करेले की फसल में लीफ माइनर कीट के शिशु बहुत अधिक हानि पहुंचाते हैं। यह छोटे, पैर विहीन, पीले रंग के एवं प्रौढ़ कीट हल्के पीले रंग के होते है।

  • इसकी क्षति के लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर दिखाई देते हैं। मादा पतंगा पत्तियों के अंदर कोशिकाओं में अंडे देती है जिससे लार्वा निकलकर पत्तियों के अंदर के हरित पदार्थ को खाकर सुरंग बनाते हैं। जिसके कारण पत्तियों पर सफेद लकीरें दिखाई देती हैं।

  • प्रभावित पौधे पर फल कम लगते हैं और पत्तियां समय से पहले गिर जाती हैं। पौधों की बढ़वार रुक जाती है एवं पौधे छोटे रह जाते हैं।

  • इस कीट के आक्रमण के कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया भी प्रभावित होती है।  

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9 % ईसी [अबासीन] @ 150 मिली या स्पिनोसैड 45% एससी [ट्रेसर] @ 60 मिली या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी [बेनेविया] @ 250 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के लिए बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब] @ 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

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