धान की फसल में ब्लास्ट रोग के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय

किसान भाइयों, धान का यह रोग पाइरिकुलेरिया ओराइजी नामक फफूंद के द्वारा फैलता है। यह रोग अत्यंत विनाशकारी होता है। पत्तियों और उनके निचले भागों पर छोटे और नीले रंग के धब्बे बनते हैं, जो बाद में आकार में बढ़कर ये धब्बे नाव की तरह हो जाते हैं। इस रोग के लक्षण सर्वप्रथम पत्तियों पर दिखाई देते हैं, लेकिन इसका आक्रमण पर्णच्छद, पुष्पक्रम, गांठ तथा दानों के आवरण पर भी होता है। मुख्यतः: पत्ती ब्लास्ट, पेनिकल ब्लास्ट और नेक ब्लास्ट के रूप में यह रोग पहचाने जाते हैं।

ब्लास्ट रोग नियंत्रण के उपाय:- 

  • प्रमाणित बीजों का चयन करें। 

  • मिट्टी परिक्षण के अनुसार खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करें। 

  • समय समय पर फसल की निगरानी करें। 

  • खरपतवारों को समय पर निकालें। 

  • नेटिवो (टेबुकोनाज़ोल 50% + ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन 25%डब्ल्यूजी) @ 80 ग्राम या  फाॅर्स 11 (ट्राईसाईक्लाजोल 75% डब्ल्यूपी) @ 140 ग्राम + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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