आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 90 से 110 दिन बाद – कटाई की अवस्था

जब फसल सूख जाए और कठोर हो जाए तब फसल की कटाई करें। अनाज को 6 से 7 दिनों तक सूरज की रोशनी में सुखाएं।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 71 से 75 दिन बाद- अंतिम सिंचाई

अनाज के अच्छे विकास के लिए अनाज भरने के दौरान फसल को अंतिम सिंचाई दें। इसके बाद सिंचाई बंद कर दें।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 55 से 60 दिन बाद – अनाज का आकार बढ़ाएं

अनाज का आकार बढ़ाने के लिए 00:00:50 (ग्रोमोर) 800 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें। खेत में निरीक्षण करें, यदि फली में छोटे छेद या इल्ली देखे जाते हैं, तो इस छिड़काव में क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी (कोराजन) 60 मिली या फ्लुबेंडामाइड 20% डब्ल्यूजी (टाकुमी) 80 मिली मिलाएं।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 46 से 50 दिन बाद- फूल आने पर सिंचाई करें

फूल आने की अवस्था में फसल को दूसरी सिंचाई दें। जड़ सड़न, विल्ट (मुरझाने) जैसी बीमारियों से बचाव के लिए अतिरिक्त पानी निकाल दें।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 41 से 45 दिन बाद – फूलों को बढ़ावा देना और हरी इल्ली और कवक रोगों का प्रबंधन

फूलों को बढ़ावा देने और फली छेदक और कवक रोगों के हमले को रोकने के लिए होमोब्रासिनोलाइड 0.04% डब्ल्यू/डब्ल्यू (डबल) 100 मिली + एमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी (इमानोवा) 100 ग्राम प्रति एकड़ स्प्रे करें। यदि पत्तियों पर किसी भी प्रकार का लाल-भूरा कवक विकास देखा जाता है, तो इस छिड़काव में हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी (नोवाकोन) 400 ग्राम प्रति एकड़ डालें।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 31 से 35 दिन बाद- उकठा रोग प्रबंधन

उकठा रोग को रोकने के लिए ट्राइकोडर्मा विरिडी (राइजोकेयर) 500 ग्राम या थियोफेनेट मिथाइल 70% डब्ल्यू/डब्ल्यू (मिलडुविप) 500 ग्राम 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ रूट जोन के पास ड्रेंच करें/ डाले।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 20 से 25 दिन बाद -इल्ली का प्रबंधन

वानस्पतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए और फली छेदक इल्ली और कवक रोगों के प्रबंधन के लिए सीवीड एक्सट्रेक्ट (विगोरमैक्स जेल) 400 ग्राम + प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी (प्रोफेनोवा सुपर) 400 मिली + कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% (करमानोवा) 300 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 3 से 5 दिन बाद – पूर्व उद्धभव खरपतवार के लिए छिड़काव

उगने से पहले खरपतवार के प्रबंधन के लिए पेंडामेथालिन 38.7% ईसी (धनुटोप सुपर) 700 मिली प्रति एकड़ का 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के दिन- मूलभूत पोषक तत्व प्रदान करने के लिए उर्वरकों की आधारभूत खुराक दें

बुवाई के तुरंत बाद उर्वरक की आधारभूत मात्रा निम्न प्रकार से डालें। इन सभी को मिलाकर मिट्टी में फैला दें- डीएपी- 40 किग्रा, एमओपी- 30 किग्रा + पीके बैक्टीरिया का संघ (प्रो कॉम्बिमैक्स) 1 किग्रा + ट्राइकोडर्मा विरिडी (राइजोकेयर) 500 ग्राम + समुद्री शैवाल, अमीनो, ह्यूमिक और माइकोराइजा (मैक्समाइको) 2 किग्रा + राइजोबियम (जैव वाटिका आर ग्राम) 1 किलो प्रति एकड़।

Share

आपकी चना फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 1 दिन पहले- बीज़ उपचार

उचित अंकुरण के लिए बीजों को 4 से 5 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। फिर बीज को मिट्टी में फंगस या कीड़ों से बचाने के लिए ट्राइकोडर्मा विरिडी + पीएसबी + राइजोबियम (राइजोकेयर 5 ग्राम + पी राइज 2 ग्राम) प्रति किलो बीज या कार्बोक्सिन 37.5% + थायरम 37.5% डब्ल्यूपी (विटावैक्स अल्ट्रा) 2.5 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्ल्यूपी (करमानोवा) 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें। बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें।

Share