- तोरई कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा और विटामिन ए का अच्छा स्रोत है।
- इसकी खेती गर्म और आर्द्र जलवायु में की जाती है।
- इसके लिए तापमान 32-38 डिग्री सेंटीग्रेड का होना चाहिए।
- तोरई की बुआई के लिए नाली विधि ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।
- गर्मी के दिनों में इसकी फसल को लगभग 5-6 दिनों के अन्तराल पर सिंचाई देनी चाहिए।
- इसकी तुड़ाई में अगर देरी हो तो इसके फलों में कड़े रेशे बन जाते हैं।