- बेहतर रोपण करने से केले की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
- केला रोपण हेतु 1.5 मीटर की दूरी पर 50 X 50 सेमी के गड्ढे बना लें।
- 10 किलो सड़ा हुआ गोबर या कम्पोस्ट की खाद, 10 ग्राम कार्बोफ्यूरान, 50 ग्राम फास्फोरस तथा खेत के ऊपर की मिट्टी मिलाकर इन गड्ढों को भरें।
- रोपित केले में 25 ग्राम नाइट्रोजन पौधे से 50 सेमी दूर गोलाई में डालकर मिट्टी में मिलाकर सिंचाई करें।
Symptoms of Fusarium wilt
- इस रोग का रोग कारक फ्यूसेरियम ऑक्सीस्पोरम एफ.एस.पी. हैं
- कपास में होने वाले सभी रोगो में यह एक मुख्य रोग के रूप में देखा जाता हैं ।
- इस रोग में पत्तिया किनारो से मुरझाना शुरू करती हैं तथा मुख्य शिरा की ओर मुरझाती चली जाती हैं |
- पत्तियों की शिराये गहरी, संकरी और धब्बे वाली हो जाती हैं। तथा अंत में पौधा सुख कर मर जाता हैं
- इस रोग का मुख्य लक्षण जड़ो के पास वाले तने का अंदर से क्षतिग्रस्त होना हैं।
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