मक्का की फसल में बैक्टीरियल स्टलक रॉट की समस्या

  • बैक्टीरियल स्टलक रॉट दरअसल एक जीवाणु (बैक्टीरिया) जनित रोग है इस रोग के कारण मक्का के तने के निचले भाग के इंटर्नोड्स अर्थात दो गांठों के मध्य के कोमल हिस्से में संक्रमण हो जाता है और इसके कारण तने के उस हिस्से में  सड़ांध की समस्या हो जाती है।
  • इस रोग के कारण पौधे के जिस भाग में संक्रमण हुआ है उस भाग से चिपचिपा पानी निकलने लगता है और अजीब सी गंध भी आने लगती है।
  • शुरुआत में इसके संक्रमण के लक्षण तने पर दिखते हैं पर कुछ समय बाद पत्तियों पर भी इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं और बाद में पूरे पौधे पर यह संक्रमण फैल  जाता है।  
  • इसके प्रबंधन के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट IP 90% w/w + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड IP 10% w/w @ 24 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें या कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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