गेहूँ की फसल में कटाई का उचित समय एवं सावधानियां

Appropriate time and precautions for harvesting wheat crop

गेहूँ की फसल में साधारणत: फसल पकने पर पत्तियां सूखने लगती हैं, कभी-कभी एक-दो पत्तियां हरी भी रह सकती हैं एवं बाली के नीचे का भाग सुनहरा हो जाता है। साथ ही यदि दाने को अंगूठे से दबाया जाए तो दूध नहीं निकलता तथा दानों में कड़ापन आ जाता है। इसके अतिरिक्त जब दानों में 25-30 प्रतिशत तक नमी होती है, तब फसल की कटाई की जा सकती है। 

फसल पकने के तुरंत बाद काट लेना चाहिए, क्योंकि कटाई देर से करने पर कुछ किस्मों में दाने झडने लगते है, एवं चूहों तथा चिडियों से भी नुकसान हो सकता है। कभी-कभी फसल काटने में देर करने से गेहूँ के दाने की गुणवत्ता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर कटाई समय से न करें तो उपज में भी कमी आ सकती है, क्योंकि 5-10 प्रतिशत दानों की हानि झड़ने से, चिडियों और चूहों के खाने से तथा मौसम की खराबी से होती है।  

गेहूँ की फसल में कटाई से पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए, साथ ही फसल को गिरने से बचाना भी अति आवश्यक होता है। कटाई के बाद 4-5 दिन गठ्ठर को धूप में सुखना चाहिए, क्योंकि अगर कटाई के समय दानों में मिट्टी मिल जाए तो गुणवत्ता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

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