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किसान भाइयों करेले की फसल में इस समय माहू कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। माहू रस चूसक कीट की श्रेणी में आते हैं, यह कीट करेले की फसल की पत्तियों का रस चूस कर पौधों के विकास को बहुत प्रभावित करते हैं।
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प्रकोपित पौधे की पत्तियां पीली होकर सिकुड़ कर मुड़ जाती है। अत्यधिक संक्रमण की अवस्था में पत्तियां सूख जाती हैं व धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जाता है।
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माहू एक प्रकार का मधुरस स्रावित करते हैं जिसके कारण पौधे पर काली फफूंद का प्रकोप दिखाई देता है।
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इसके नियंत्रण के लिए कॉन्फीडोर (इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल) @ 100 मिली या असाटाफ (एसीफेट 75 % एसपी) @ 300 ग्राम या थायोनोवा 25 (थायोमिथोक्साम 25% डब्ल्यूजी) @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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जैविक उपचार के रूप में बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 250 ग्राम /एकड़ की दर से उपयोग करें।
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