बिजली की फिक्र हुई दूर, अब किसानों को मिलेगी ज्यादा बिजली

गर्मी का मौसम शुरू होते ही बिजली की मांग भी बढ़ चुकी है। बढ़ती मांग और आपूर्ति की कमी के बीच ज्यादातर क्षेत्रों में बिजली की कटौती होनी शुरू हो गई है। ऐसे स्थिति में बिजली कटौती का सबसे ज्यादा असर कम्पनियों और किसानों के ऊपर देखने को मिल रहा है। 

जहां किसानों ने अभी अपने खेतों में  ग्रीष्मकालीन फसलें लगा रखी हैं, तो कई किसान मई के अंत में खरीफ फसल की तैयारी में जुटने वाले हैं। इस बीच बिजली की समस्या होने से किसानों को पानी की किल्लत से जुझना पड़ सकता है। इस परेशानी को देखते हुए राजस्थान सरकार ने किसानों को कृषि कार्यों के लिए रोस्टर पद्धति से बिजली आपूर्ति करने का फैसला लिया है।

इसके अनुसार कृषि कार्यों के लिए किसानों को तीन खण्डों में बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके तहत 24 घंटे में अलग-अलग समय पर 4-4 घंटे के लिए 3 ब्लॉक में बिजली दी जाएगी । यानि कि किसानों, ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में रोस्टर पद्धति के अनुसार बिजली की कटौती की जाएगी। जहां सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके बाद अपरान्ह 12 बजे से शाम 4 बजे तक फिर रात में 2 बजे से सुबह 6 बजे तक बिजली दी जाएगी।

स्रोत: किसान समाधान

ग्रामीण क्षेत्र व कृषि सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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31 जनवरी तक चुकाएं ऋण और पाएं 90 प्रतिशत तक की छूट

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा ऋण समाधान योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत ऋण बकायादारों को एक बड़ी राहत दी गई है। 31 जनवरी 2021 से पहले ऋण जमा कराने वालों को 90 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। यानी अब पुराने बकायादारों ने जो ऋण ले रखा है, केवल 10 प्रतिशत राशि की अदायगी कर ऋण मुक्त हो जाएंगे। 31 जनवरी 2021 तक एक मुश्त ऋण समाधान योजना का लाभ उठा सकते हैं और कर्ज को चुकता कर सकते हैं। लोन श्रेणी एनपीए के अनुसार, बकायादारों सन्दिग्ध खाता 1, सन्दिग्ध खाता 2, संदिग्ध खाता 3 में 90 प्रतिशत तक माफी ले सकते हैं।

किस प्रकार से लोन पर मिलेगा योजना का लाभ।

इस योजना के तहत आवास लोन को छोड़कर कृषि, व्यवसाय आदि किसी भी तरह के एनपीए लोन पर छूट दी जाएगी। बैंक डिफाल्टर आवेदन के साथ कुल बकाया के 10 प्रतिशत राशि जमा करके माफी योजना का लाभ ले सकते हैं। दोषी को 31 जनवरी तक आवेदन देने पर बैंक द्वारा अतिरिक्त 5 से 15 प्रतिशत तक बतौर प्रोत्साहन राशि लाभ मिल सकता है। डिफाल्टर  बैंक से संपर्क करके अपने एनपीए खाता से सबंधित जानकारी ले प्राप्त कर सकते हैं। खास बात यह है कि कृषि लोन लेने वाले किसानों को इस योजना का अधिक लाभ मिल पाएगा |

ऋण समाधान होने के लीये पात्र।

भारतीय स्टेट बैंक के सहायक प्रबंधक के अनुसार, ऐसा ऋण खाता जो 31 दिसंबर 2019 या उससे पूर्व एनपीए में वर्गीकृत हो चुका हो, प्रति ऋणी कुल बकाया 20 लाख रुपए तक हो, इस तरह के सभी खाते ऋण समाधान योजना में पात्र हैं |

कहाँ संपर्क करना है?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप अपनी गृह शाखा या SBI की निकटतम शाखा से संपर्क कर सकते हैं। आप सीमित समय के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

स्त्रोत: – कृषि जागरण

 

 

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देश पर मंडरा रहे बड़े जल संकट को बेहतर जल प्रबंधन से कर सकते हैं दूर

Better water management can overcome big water crisis hovering over the country

हमारा देश आने वाले सालों में भीषण जल संकट का सामना कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है की भारत में लोग पानी का महत्व नहीं समझ रहे हैं और इसकी खूब बर्बादी कर रहे हैं। ऐसे में पानी की इसी बर्बादी के कारण आने वाले समय में देश के लगभग 60 करोड़ लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

वर्तमान की बात करें तो लगभग दो लाख लोगों की एक बड़ी आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वे या तो अपनी जान गंवा रहे हैं या फिर गंभीर रोगों से ग्रसित हो रहे हैं।

क्या है इसका समाधान
ऐसा नहीं है की भारत में जल की कोई बड़ी समस्या है, पर भारत में जल प्रबंधन पर जोड़ नहीं दिया जाता है जिस कारण हर साल देश के कई राज्यों में बारिश के पानी को बह जाने दिया जाता है। यही कारण है की देश में कुछ जगहों पर बाढ़ तो कुछ जगहों पर सूखा देखने को मिलता है। सच तो यही है की भारत में जल का बेहतर प्रबंधन कर के ही आने वाली जल संकट की समस्या को रोका जा सकता है

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‘कृषि में महिलाएं’ विषय पर हैदराबाद में दो दिवसीय राज्य स्तरीय बैठक

भारत में कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। परंतु न केवल समाज के द्वारा बल्कि स्वयं महिलाओं के द्वारा भी कृषि क्षेत्र में उनके योगदान को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। 

कृषि क्षेत्र में महिलाओं के इसी योगदान को उभारने के लिए, 6 मार्च से हैदराबाद में एक राज्य-स्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है। इस दो दिवसीय बैठक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में महिलाओं, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र की महिलाओं को होने वाली समस्याओं पर ध्यानाकर्षित करवाना है। यहां कृषि संबंधित कई क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा यहाँ आपको विभिन्न किसान यूनियनों, अकादमिक संस्थानों और चर्चा में भाग लेने वाले वैज्ञानिकों के प्रतिनिधि भी मिलेंगे।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आयोजन के बारे में बात करते हुए, तेलंगाना रायथू संघम के उपाध्यक्ष, अरीबंदी प्रसाद राव ने कहा कि “महिलाएं कृषि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और यही समय है जब हम कृषि क्षेत्र में उनको आने वाली समस्याओं की पहचान करें और उन्हें दूर करें।”

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केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने में बीजों की भूमिका को बताया अहम

किसी भी फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिस चीज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है वो है उन्नत किस्म के बीज। बीज की इसी महत्ता को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समझा और नई दिल्ली में आयोजित भारतीय बीज कांग्रेस – 2020 को संबोधित करते हुए इस पर वक्तव्य भी दिया।

कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि “भारत एक कृषि प्रधान देश है, हमारे देश की अर्थव्यवस्था गांव और कृषि पर निर्भर है, कृषि और गांव के ताने बाने के परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था को लगने वाले झटकों से उबरने में सफलता मिली है।” बीज की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा की “बीज उत्पादकों के अनुसंधान और वैज्ञानिकों के योगदान के फलस्वरूप आज देश खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि आवश्यकता से अधिक उत्पादन करके एक कीर्तिमान स्थापित करने में भी सफल हुआ है।”

किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी बेहतर कृषि हेतु बीजों की अहमियत को समझता है और इसीलिए उन्नत किस्म के बीज किसान भाइयों के घर तक बिना किसी डिलीवरी चार्ज के पहुँचाता है। उन्नत किस्म के बीज अपने घर पर मंगाने के लिए किसान भाई ग्रामोफ़ोन कृषि एप के ‘बाजार’ सेक्शन से इसके लिए ऑर्डर कर सकते हैं या फिर टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर के भी बीज मंगवा सकते हैं।

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मिर्च महोत्सव: पूरे देश में प्रसिद्ध होगी निमाड़ की मिर्ची, किसानों को होगा फायदा

chilli festival

मध्यप्रदेश के निवासी पहले से निमाड़ की प्रसिद्ध तीखी मिर्ची के बारे में जानते हैं पर अब इसकी प्रसिद्धि देश और दुनिया में भी फैलने लगी है। आगामी 29 फरवरी और 1 मार्च के दौरान मिर्च महोत्सव होने वाला है। यह दो दिवसीय राज्य स्तरीय महोत्सव कसरावद में आयोजित होगा जिसका मुख्य लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा निमाड़ी मिर्च की ब्रांडिंग करना है।

इस महोत्सव का सीधा फायदा क्षेत्र में मिर्ची की खेती करने वाले किसानों को होगा। इससे निमाड़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में उगाई जाने वाली मिर्ची की ब्रांडिंग होगी और देश विदेश में नए बाजार खुलेंगे।

इस आयोजन में 25 से अधिक कृषि वैज्ञानिक किसानों को मिर्ची की फसल के उत्पादन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ देंगे। यहाँ आपका अपना ग्रामोफोन भी आपकी सेवा के लिए उपस्थित रहेगा। आप इस महोत्सव में हमारे कृषि विषेशज्ञों से भी किसी भी प्रकार की कृषि संबंधित सलाह ले सकते हैं।

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