कम खर्च में फसल रोगों से पाएं छुटकारा, जरूर अपनाएँ बीजोपचार

Adopt seed treatment to get rid of diseases of crops at a low cost
  • बीज उपचार करने से फसलों से लगभग 8-10 प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। फसलों की उत्पादकता में बढोत्तरी करने हेतु आवश्यक है कि फसलों में कीड़े/बीमारियों का प्रकोप नहीं हो। इसके लिए सीड ड्रेसिंग ड्रम द्वारा भी बीजोपचार कर सकते हैं।

  • फसलों की उत्पादकता में बढोत्तरी करने तथा फसलों में कीड़े/बीमारियों का प्रकोप कम से कम हो इस उद्देश्य से बुवाई से पहले शत प्रतिशत बीजोपचार किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

  • बीजोपचार करते समय एफ. आई. आर. क्रम का अवश्य ध्यान रखें l बीज को सर्वप्रथम फफूंदनाशक फिर कीटनाशक और अंत में संवर्ध (कल्चर) से उपचारित करें।

    फायदे:

  • बीज उपचार एक कम लागत तकनीक है। इसे आसानी से किसान भाई अपना सकते हैं। बीजोपचार द्वारा पौधों की अंकुर उदय को सुनिश्चित किया जा सकता है ताकि पौधे के विकास में सुधार के साथ-साथ बीमारियों व कीटों द्वारा होने वाले नुकसान को भी नियंत्रित किया जा सके।

  • पादप वृद्धि कारक हार्मोन का उपयोग कर पौधों की वृद्वि को बढ़ाया जा सकता है।

  • राइजोबियम कल्चर द्वारा नत्रजन स्थिरीकरण क्षमता के बढ़ने के साथ फसल का उत्पादन भी बढ़ता है।

  • बीजोपचार द्वारा पादप आबादी और इसकी उच्च उत्पादकता को बढ़ावा मिलता है।

  • बीजोपचार करने के उपरान्त खड़ी फसल में सुरक्षा के अन्य उपायों की कम आवश्यकता पड़ती है।

सावधानियां:

  • फसलों के बीजों को निर्धारित मात्रा में ही उपचारित करें।

  • उपचारित बीज को छाया में सुखाने के तुरंत बाद बुवाई की जानी चाहिए।

  • उपचारित बीज को ज्यादा देर ना रखें अन्यथा बीज खराब हो जाएगा।

  • रसायनों के उपयोग से पहले अंतिम तिथि अवश्य देख लें।

  • उपचार के उपरान्त डब्बों अथवा थैलों को मिट्टी में आवश्य दबा दें।

  • रसायनों को बच्चों एवं मवेशियों से दूर रखें।

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