- तोरई कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा और विटामिन ए का अच्छा स्रोत है।
- इसकी खेती गर्म और आर्द्र जलवायु में की जाती है।
- इसके लिए तापमान 32-38 डिग्री सेंटीग्रेड का होना चाहिए।
- तोरई की बुआई के लिए नाली विधि ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।
- गर्मी के दिनों में इसकी फसल को लगभग 5-6 दिनों के अन्तराल पर सिंचाई देनी चाहिए।
- इसकी तुड़ाई में अगर देरी हो तो इसके फलों में कड़े रेशे बन जाते हैं।
तुरई की आरती किस्म (VNR SEEDS) की खेती से किसानों को होगी बेहतर आमदनी
क्र. | तुरई की आरती किस्म (VNR SEEDS) | |
1. | बुआई का समय | मार्च |
2. | बीज की मात्रा | 1-2 किलो/एकड़ |
3. | पंक्ति के बीच की दूरी की | 120 -150 सेमी |
4. | पौधों के बीच की दूरी | 90 सेमी |
5 | बुआई की गहराई | 2- 3 सेमी |
6. | रंग | आकर्षक हरा |
7 | आकार | लम्बाई 24-25 सेमी, चौड़ाई 2.4 इंच |
8 | भार | 200-225 ग्राम |
9 | पहली तुड़ाई | 55 दिन |