मंहगाई के दौर में एक ऐसा गांव, जहां मुफ्त में मिलता है दूध और फल

A village in the era of inflation where milk and fruits are available for free

आज के समय जहां लोगों को पीने के लिए पानी भी खरीदना पड़ता है, वहीं मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक ऐसा गांव है जहां मुफ्त में लोगों को दूध और फल दिए जाते हैं। आपको सुनकर हैरानी होगी लेकिन मंहगाई के इस दौर में भी बैतूल जिले के चूड़िया गांव में दूध और फल को नहीं बेचा जाता है।

3 हज़ार के आबादी वाले इस गांव में कभी कोई दूध और फल का व्यापार नहीं करता है। इस गांव में 40 प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं, साथ ही यहां 40 प्रतिशत निवासी ग्वाले हैं। इसके बावजूद भी यहां दूध का व्यापार नहीं होता है। यहां मान्यता है कि अगर कोई भी दूध और फलों का व्यापार करने की कोशिश करता है वह बर्बाद हो जाता है।

इस गांव में इस मान्यता से जुड़ी एक कथा है, जिसके अनुसार कभी चूड़िया गांव में एक चिन्ध्या बाबा रहा करते थे। इन्होंने गांव के हित के लिए लोगों को सीख दी थी। बाबा का कहना था कि दूध में मिलावट करना या उसे बेचना पाप है। बाबा ने ऐसा इसलिए कहा था ताकि गांव में रहने वाला हर तबके का परिवार इसका उपयोग कर सके और गांव स्वस्थ रहे। जिसके बाद से आज भी गांव के लोग इस परम्परा को मान रहे हैं।

स्रोत: बंसल न्यूज़

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