मध्य प्रदेश के किसानों के लिए फायदे की खबर, कृषि मंत्री ने किया ऐलान

The news of benefits for the farmers of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक खुशखबरी आ रही है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस बाबत ऐलान किया है। वीडियो के माध्यम से देखें पूरी खबर।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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कई राज्यों में आंधी और बारिश की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

पंजाब हरियाणा राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश के कई भागों में आंधी और गरज के साथ बौछारें देखी गई। पहाड़ों पर जोरदार बारिश हो रही है। उत्तर पूर्वी भारत में भारी से अति भारी बारिश तथा कर्नाटक केरल तमिलनाडु और लक्षद्वीप में मध्यम से भारी बारिश जारी है। अगले कई दिनों तक राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात तथा महाराष्ट्र के उत्तरी जिलों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बंपर सब्सिडी पर लगवाएं सोलर पंप, जानें सरकार की योजना

Get solar pumps installed on bumper subsidy

‘बिन पानी सब सून’ यह कहावत खेती के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है। जैसा कि सभी जानते हैं, बिना पानी के खेती करना असंभव है। वहीं उन्नत और आधुनिक खेती के लिए बाजार में कई सिंचाई संसाधन उपलब्ध हैं। इन यंत्रों को चलाने के लिए बिजली या फिर सोलर एनर्जी की आवश्यकता पड़ती है। इसी के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारें भी किसानों को सिंचाई संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं।

इनमें सबसे प्रचलित संसाधन सोलर पंप है। इसके उपयोग से किसानों का सिंचाई के लिए बिजली एवं डीजल पर किया जाने वाला अतिरिक्त खर्च कम होता है। वहीं खर्च कम होने से किसानों की आय में वृद्धि होती है। हालाकि हर किसान सोलर पंप स्थापित करने में सक्षम नहीं है। किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कई राज्यों में सोलर पंप पर सब्सिडी दी जा रही है।

इसी क्रम में राजस्थान सरकार भी सोलर पंप सब्सिडी योजना चला रही है। जिसका उद्देश्य बिजली की खपत को कम करना और ऊर्जा को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा किसानों को सोलर पंप स्थापित करने के लिए 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। बाकी 40 प्रतिशत की राशि किसान भाईयों को खुद देनी होगी। अगर किसान भाई बाकी राशि देने में भी सक्षम नहीं है तो, वे इसके लिए बैंक से लोन ले सकते हैं।

राजस्थान सोलर पंप योजना के आवेदन के लिए पात्रता

इस योजना में राज्य के लघु और सिमांत किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना के लिए वही किसान आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास स्वयं की कम से कम 0.5 हेक्टैयर की भूमि है। हालाकि जो किसान सिंचाई के लिए विद्युत पंप का इस्तेमाल कर रहे हैं वो इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इसी के साथ ही सोलर पंप स्थापित करने के लिए खेत की पॉवनर ग्रिड से दूरी कम से कम 300 किमी. होना जरूरी है।

आवेदन करने की प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान भाईयों को सबसे पहले अपने क्षेत्र के बिजली विभाग कार्यालय में संपर्क करना होगा। जहां कार्यालय में निर्धारित राशि 1000 रूपए जमा कराने के बाद आवेदन फॉर्म प्राप्त होगा। इसके बाद फॉर्म में सारी जानकारियां सावधानीपूर्वक भर दें। फिर आवेदन फॉर्म में दस्तावेजों को संंलग्न कर हॉर्टीकल्चर डेवलपमेंट सोसायटी कार्यालय में जमा करवा दें।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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मिनटों में भूसा होगा तैयार, जानें इन कृषि यंत्रों की खास बात

harvesting machines

खेती को आसान बनाने के लिए बाजार में कई आधुनिक यंत्र उपलब्ध है। जिनकी मदद से किसान भाई कम लागत, समय एवं श्रम के साथ ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। इस खबर के माध्यम से आपको कुछ ऐसे यंत्रों के बारे में बताएंगे, जिनकी सहायता से फसल काटने के साथ खेती के कई काम बड़े आसानी से किए जा सकते हैं। जो कि इस प्रकार हैं –

स्ट्रॉ रीपर

straw reaper

यह मशीन एक साथ तीन काम करने में माहिर है। किसान भाई इस मशीन की मदद से फसल काटने के साथ पुआल साफ करना और भूसा काटने का काम भी कर सकते हैं। इस मशीन को ट्रैक्टर के साथ जोड़कर काम में लाया जा सकता है। इसके चलते ईधन की खपत भी कम होती है और सारे काम जल्दी पूरे हो जाते हैं। इस यंत्र की खरीद के लिए कई राज्य सरकारें किसानों को सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही हैं।

रीपर बाइंडर

reaper binder
यह खास यंत्र फसल की कटाई के साथ ही रस्सियों से उनका बंडल बनाने का भी काम करती है। इस मशीन की मदद से 5 से 7 सेमी की कटाई आराम से की जा सकती है।

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन

Combine Harvester Machine
यह मशीन भी फसल काटने के साथ उनका बंडल बनाने का काम भी करती है। इस मशीन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा श्रमिकों की कमी होने पर किया जाता है। इस मशीन की मदद से समय और धन दोनों की बचत होती है। वहीं इसकी खासियत यह है कि ये यंत्र खेतों में लगी झाड़ियों को भी आसानी से काट देता है।

हाथ का रीपर

hand reaper
छोटे किसानों के लिए बाजार में कम बजट में भी फसल काटने का यंत्र उपलब्ध है। यह हाथ से फसल काटने वाला रीपर है। जो कि फसल को काटकर साइड में डालता जाता है। हालांकि इसके उपयोग के लिए मजदूरों जरूरत पड़ती है।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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जल्द आएगी 2000 रूपये का 11वीं क़िस्त, बस ये काम जरूर कर लें

Farmers will soon get the 11th installment of Rs 2000

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2000 रुपये की 11वीं किस्त अब जल्द ही आने वाली है। इसलिए योजना के सभी लाभार्थी किसान जल्द से जल्द इसके लिए KYC की प्रक्रिया पूरी कर लें। सरकार की तरफ से ई-केवाईसी प्रक्रिया की अंतिम तारिख को भी अब बढ़ा कर 31 मार्च से 22 मई 2022 कर दिया है।

गौरतलब है की हर चार महीने पर पीएम किसान योजना का पैसा किसानों के बैंक खातों में भेजा जाता है, तो इस बार 11वीं किस्त अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में दी जा सकती है। अगर आप इस योजना के पात्र किसान हैं तो अपना स्टेटस चेक कर लें और यह निश्चित कर लें की आपके आवेदन में कोई त्रुटि तो नहीं है।

अपना स्टेटस चेक करने के लिए :

  • योजना की अधिकारिक वेबसाइट ? pmkisan.gov.in पर जाएँ और फार्मर कॉर्नर पर क्लिक करें। इसके बाद आपको लाभार्थी की स्थिति दिखाई देगी। अब आप उस पर क्लिक कर दें।

  • लाभार्थी की स्थिति पर क्लिक करने के बाद आपको अपना आधार नंबर, खाता नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।

  • इतना करने के बाद आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की सूची में है या नहीं।

  • अगर आपका नाम इस लिस्ट में है और उसमें किसी प्रकार की गलती नहीं है, तो आपको योजना का लाभ जरूर मिलेगा।

स्रोत : टीवी 9 भारतवर्ष

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सावधान, सर्पिलाकार धारियां कर सकती हैं आपकी फसल बर्बाद

spiral stripes can ruin your crop
  • किसान भाइयों, फसलों में सर्पिलाकार धारियां बन जाने की समस्या मुख्यतः टमाटर, तरबूज, खरबूज, करेला, लौकी, खीरा, गिलकी, मिर्च आदि में हाल ही में देखने को मिल रही है। यह समस्या पर्ण सुरंगक (लीफ माइनर) नामक कीट के कारण होती है।

  • इस कीट के शिशु कीट बहुत छोटे, पैर विहीन, पीले रंग के एवं प्रौढ़ कीट हल्के पीले रंग के होते हैं। 

  • इसकी क्षति के लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर दिखाई देते हैं। 

  • इस कीट का लार्वा पत्तियों के अंदर प्रवेश कर हरित पदार्थ को खाकर सुरंग बनाते हैं। जिसके कारण पत्तियों पर सफेद लकीरें दिखाई देती हैं। 

  • प्रभावित पौधे पर फल कम लगते हैं और पत्तियां समय से पहले गिर जाती हैं। पौधों की बढ़वार रुक जाती है एवं पौधे छोटे रह जाते हैं।

  • इस कीट के आक्रमण के कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया भी प्रभावित होती है।  

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9 % ईसी [अबासीन] @ 150 मिली या स्पिनोसेड 45% एससी [ट्रेसर] @ 60 मिली या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी [बेनेविया] @ 250 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के लिए बवेरिया बेसियाना [बवे कर्ब] @ 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

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राजस्थान समेत कई राज्यों में बारिश व ओलावृष्टि के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

13 अप्रैल की शाम और रात को राजस्थान के कई जिलों सहित पंजाब हरियाणा के एक या दो जिलों में धूल भरी आंधी के साथ बौछारें गिरी। उत्तर भारत सहित मध्य भारत में तापमान कम हुए तथा लू से कुछ राहत मिली। पहाड़ी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश तथा कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि संभव है। पूर्वोत्तर राज्यों सहित तमिलनाडु तथा केरल में तेज बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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फसल नष्ट होने के 72 घंटे के अंदर एक क्लिक पर करें बीमा क्लेम

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

कृषि एक ऐसा व्यवसाय है, जिसका परिणाम भविष्य की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। जिसके कारण कई बार किसानों को बाढ़ या सूखे के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है। ऐसे में किसान भाईयों के इस अनिश्चितता के डर को खत्म करने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है।

इसी कड़ी में केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान पर बीमा क्लेम दिया जाता है, ताकि इस योजना की मदद से किसान अपने नुकसान की आसानी से भरपाई कर सके।

इसके लिए कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से क्रॉप इंश्योरेंस नाम से एक ऐप्लीकेशन जारी किया गया है। इसके माध्यम से किसान अपनी फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर इस बात की जानकारी अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा ऐप की मदद से फसल बीमा के लिए भी आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध है।

स्रोत: टीवी 9

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गोबर से बना ऐसा ऑर्गेनिक घर, जो रहता है AC से ज्यादा ठंडा

Such an organic house made of cow dung which remains colder than AC

तपती धूप से बचने के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं। वैसे तो आमतौर पर लोग घरों को ठंडा रखने के लिए AC, कूलर एवं पंखे का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा भी कई ऐसी तरकीबें हैं जिनकी मदद से लोग गर्मी में अपने घरों को ठंडा रखते हैं। वहीं हम आपको भीषण गर्मी से बचने का एक ऐसा जुगाड़ बताएंगे जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।

जैविक घर जो गर्मी में ठंडा और सर्दी में रहेगा गर्म

डॉक्टर शिव दर्शन मलिक ने एक ऐसा जैविक घर बनाया है, जो गर्मी के मौसम में ठंडा और सर्दी के मौसम में अपने आप गर्म रहता है। इस जैविक घर की खास बात यह है कि यह गोबर की ईंटों से बनाया गया है। गोबर से बनी इस खास ईंट को गौक्रीट ईंट और वैदिक प्लास्टर नाम दिया गया है। इसके अलावा घर बनाने में उन्होंने मिट्टी, चूना और स्थानीय वनस्पति का भी उपयोग किया गया है। जिस वजह से यह घर पूरी तरह से ऑर्गेनिक है।

रेडिएशन के खतरे से होगा सुरक्षित

वहीं ऑर्गेनिक होने के कारण इस घर का तापमान बाहर की अपेक्षा 7 डिग्री कम रहता है। इसके साथ ही यह रेडिएशन के खतरे से भी सुरक्षित रहता है। हर मायने में यह घर काफी सुरक्षित, किफायती और मौसम अनुरूप है। जिस वजह से शिव दर्शन मलिक सबको ऐसे घरों को तैयार करने की सलाह दे रहे हैं, ताकि पर्यावरण और सेहत दोनों स्वस्थ्य रहें।

स्रोत: कृषि जागरण

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गौशाला निर्माण पर मिलेगा 10 लाख का सरकारी अनुदान

Now government grant of 10 lakhs will be available on construction of Gaushala

आवारा पशुओं की वजह से फसलों को काफी नुकसान होता है। इसकी वजह से कई बार पूरी फसल हीं बर्बाद हो जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार ने आवारा गाय को संरक्षण देने का फैसला किया है और इसके लिए नंदीशाला योजना एवं गौशाला योजना चला रही है।

इस योजना के अंतर्गत आवारा पशुओं के लिए गौशाला निर्माण किया गया है और इसके निर्माण हेतु सरकार अनुदान भी दे रही है। इस हेतु 10 लाख रूपये का अनुदान निश्चित किया गया है। इस पैसे से गौशाला में कैटल शेड, पानी टंकी, टीन शैड निर्माण, चार दिवारी आदि का निर्माण किया जा सकेगा। इसके अलावा नंदी शाला हेतु सरकार कुल खर्च का 90% सब्सिडी के तौर पर दे रही है।

स्रोत: किसान समाधान

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