गोबर के बाद अब गौ-मूत्र भी इस दर पर खरीदेगी सरकार

किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार कई योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने गाय के गोबर के बाद अब गौ-मूत्र खरीदने की घोषणा की है। इस योजना के तहत जहां एक ओर किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। वहीं दूसरी ओर जैविक खेती के लिए जीवामृत और गौ-मूत्र से कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे, इससे खेती में भी कीटनाशकों के लिए कम लागत खर्च होगी।

घोषणा के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री विशेष कार्यक्रम के जरिए राज्य के गौठानों में 28 जुलाई के दिन गौमूत्र खरीदी का कार्य शुरू कर रह हैं। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में गौठान प्रबंध समिति द्वारा पशुपालक से गौ-मूत्र खरीदी के लिए न्यूनतम राशि 4 रूपए प्रति लीटर तय की गई है। कहने का मतलब यह है कि, किसानों को गौ-मूत्र बेचने पर कम से कम 4 रूपए प्रति लीटर के भाव मिलेंगे। यह क्रय राशि बढ़ भी सकती है जो कि गोठान समिति पर निर्भर करेगी। बहरहाल गोबर के बाद गौ-मूत्र के खरीदे जाने से किसानों और पशुपालकों को दोहरा लाभ प्राप्त होगा।

स्रोत : किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 23 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

अदरक

22

24

रतलाम

आलू

21

22

रतलाम

टमाटर

28

32

रतलाम

हरी मिर्च

44

48

रतलाम

कद्दू

15

18

रतलाम

भिन्डी

25

28

रतलाम

नींबू

35

42

रतलाम

फूलगोभी

15

16

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

12

14

रतलाम

शिमला मिर्च

28

30

रतलाम

केला

30

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

12

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

17

लखनऊ

लहसुन

25

लखनऊ

लहसुन

30

लखनऊ

लहसुन

30

38

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

आलू

17

18

लखनऊ

आम

30

32

लखनऊ

अनन्नास

20

25

लखनऊ

हरा नारियल

43

46

लखनऊ

मोसंबी

28

32

लखनऊ

शिमला मिर्च

50

60

लखनऊ

हरी मिर्च

40

45

लखनऊ

नींबू

40

45

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

9

रतलाम

प्याज़

9

12

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

लहसुन

7

12

रतलाम

लहसुन

13

22

रतलाम

लहसुन

22

32

रतलाम

लहसुन

32

43

शाजापुर

प्याज़

3

5

शाजापुर

प्याज़

6

8

शाजापुर

प्याज़

9

13

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भीषण बारिश की बन रही है संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

मानसून अब मध्य भारत में सक्रिय हो जाएगा तथा मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सहित गुजरात और पूर्वी राजस्थान में कई स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। दिल्ली में हल्की बारिश और बौछारें संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव ?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे मन्दसौर, मनावर, खरगोन, रतलाम, कालापीपल और खातेगांव आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

आगर

2500

6008

अशोकनगर

3000

6114

बड़नगर

4280

6087

बदनावर

4025

6450

बाणपुरा

4500

5977

बैतूल

5700

6001

भीकनगांव

5450

6271

बीन

5500

6205

छिंदवाड़ा

5300

6037

गोरखपुर

5800

5800

इछावर

4000

6090

ईसागढ़

5400

6100

इटारसी

4500

5750

झाबुआ

5650

5700

जोबात

5900

5900

कालापीपाल

4420

6250

खाचरोडी

5451

5981

खंडवा

4000

6080

खरगोन

5736

6159

खातेगांव

3120

6161

खातेगांव

3400

6195

खिरकिया

4000

6065

कोलारास

4400

5985

लटेरी

5855

5855

मक्सी

4500

6200

मनावर

6140

6245

मन्दसौर

4700

6051

महू

3400

3400

मोमान बडोडिया

5900

6050

नागदा

5426

6026

नसरुल्लागंज

5500

5980

पचौरी

5550

6040

पथरिया

5175

6150

पिपल्या

3000

6100

रतलाम

2740

6131

सनावद

5600

5800

सांवेर

5600

6200

सतना

5681

5780

श्योपुरकलां

5760

5865

शुजालपुर

5000

6001

टिमरनी

3011

6050

उज्जैन

2302

6090

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  सोयाबीन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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इस फसल सुरक्षा यंत्र से किसानों को मिल रहा बहुत फायदा, जानें कृषि यंत्र के बारे में

किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हर साल काफी नुकसान पहुंचता है। इस मुश्किल का हल निकालते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने कई नए यंत्र और तकनीके विकसित की हैं। इन यंत्रों की मदद से किसानों को भविष्य की आपदाओं के बारे में जानकारी मिल जाती है, ताकि किसान पहले से ही तैयारी करके फसलों में होने वाले नुकसान से बच सकें। 

फसल सुरक्षा यंत्र और इसके फायदे

इसी क्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा फसल सुरक्षा यंत्र तैयार किया है, जो किसानों के लिए बहुत उपयोगी और कारगर साबित हो रहा है। इस यंत्र द्वारा पहले से ही मौसम की जानकारी जैसे हवा, पानी, आंधी, तूफान का अलर्ट मिल जाता है। वहीं मौसम पूर्वानुमान के साथ ही कीट बीमारी का प्रकोप, भू-जलस्तर एवं मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों की जानकारी भी किसान के मोबाईल पर ऑटोमेटिक प्राप्त हो जाती है। इसके अनुसार किसान समय रहते अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं।

किसान भाई का यंत्र को लेकर अनुभव

छत्तीसगढ़ के डोंगरगांव विकासखंड के निवासी किसान गुलाब वर्मा ने फसल सुरक्षा यंत्र को बहुत फायदेमंद बताया है। यह यंत्र उन्होंने उद्यानिकी विभाग से 50 हजार रूपए की लागत में प्राप्त किया है। जिसके माध्यम से उन्हें मोबाइल पर सही समय पर खेत और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिल रही हैं। हाल ही में उन्हें फसल में होने वाली फफूंदीजनक रोग से सुरक्षा के लिए अलर्ट प्राप्त हुआ, जिसके तहत गुलाब वर्मा ने जागरूकत के साथ फसल सुरक्षा के लिए व्यवस्था की और भविष्य में होने वाले नुकसान से खुद को बचा लिया। 

स्रोत : कृषि समाधान

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देश के विभिन्न मंडियों में 22 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

12

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

17

लखनऊ

लहसुन

25

लखनऊ

लहसुन

30

लखनऊ

लहसुन

30

38

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

आलू

18

19

लखनऊ

आम

30

लखनऊ

अनन्नास

20

25

लखनऊ

नारियल हरा

46

50

लखनऊ

मोसंबी

28

32

लखनऊ

शिमला मिर्च

50

60

लखनऊ

हरी मिर्च

40

45

लखनऊ

नींबू

40

45

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

शाजापुर

प्याज़

4

5

शाजापुर

प्याज़

5

7

शाजापुर

प्याज़

10

14

जयपुर

प्याज़

13

14

जयपुर

प्याज़

16

जयपुर

प्याज़

19

20

जयपुर

प्याज़

5

6

जयपुर

प्याज़

8

जयपुर

प्याज़

9

जयपुर

प्याज़

12

जयपुर

लहसुन

8

10

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

30

35

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

9

रतलाम

प्याज़

9

12

रतलाम

प्याज़

12

13

रतलाम

लहसुन

7

12

रतलाम

लहसुन

13

22

रतलाम

लहसुन

22

32

रतलाम

लहसुन

32

45

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एमपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में फिर होगी तेज बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

मानसून की रेखा अब उत्तर भारत से होकर गुजर रही है जिससे पंजाब हरियाणा दिल्ली उत्तर प्रदेश तथा पूर्वी भारत में हल्की से मध्यम बारिश होगी। 24 घंटे बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा गुजरात के उत्तरी जिलों में फिर बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी तथा कई स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। पहाड़ों पर मूसलाधार वर्षा संभव है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। केरल तथा कर्नाटका के तटीय भागों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव ?

onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बदनावर, बड़वाह, इछावर, देवास, हरदा, खरगोन, जबलपुर, खंड़वा, मन्दसौर और मनावर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलीराजपुर

1000

2000

बदनावर

500

1500

बड़वाह

1000

2000

भोपाल

300

1400

ब्यावरा

400

1000

छिंदवाड़ा

800

1200

देवास

400

1200

देवास

400

1200

गौतमपुरा

300

500

हरदा

700

800

इछावर

525

1170

जबलपुर

1100

1500

जावरा

350

1180

कालापीपाल

100

1250

कालापीपाल

100

1200

खंडवा

300

1200

खरगोन

500

1500

खरगोन

500

1500

मनावर

900

1100

मन्दसौर

200

1000

पिपरिया

350

1200

सबलगढ़

1000

1000

सैलाना

100

1281

शामगढ़

520

720

थांदला

900

1000

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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एक लाख की लागत से करें गुलाब की खेती, सालाना कमाएं लाखों रूपए

किसान अच्छी आमदनी के लिए अनाज की खेती के अलावा बागवानी भी कर रहे हैं। जिनमें कई किसान तो एक ही जमीन पर पारंपरिक फसलों के साथ-साथ फल, फूल, सब्जियों और औषधी की खेती कर रहे हैं। इसी क्रम में सरकार अरोमा मिशन की तरह कई योजनाओं के माध्यम से फूलों की खेती को बढ़ावा दे रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान बागवानी के जरिए भी बढ़िया कमाई कर सकें। 

अगर आप भी बागवानी करने की सोच रहे हैं, तो गुलाब की खेती एक बेहतर विकल्प है। एक बार इसके पौधों की बुवाई करने के बाद अगले 10 सालों तक फूलों का उत्पादन मिलता रहता है। फूलों के अलावा गुलाब की कलम की भी बाजार में खूब मांग है। एक्सपर्ट की मानें तो एक लाख की लागत लगाकर सालभर में 6 से 7 लाख का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। 

ऐसे करें गुलाब की खेती

गुलाब की बागवानी के लिए नर्सरी में इसकी पौध तैयारी की जाती है। हालांकि कलम विधि से किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है। इसकी खेती के लिए हर तरह की मिट्टी अनुकूल रहती है, हालांकि दोमट मिट्टी में इसके पौध का विकास तेजी से होता है और अच्छी गुणवत्ता वाले फूल प्राप्त होते हैं। वहीं बरसात के मौसम में जल निकासी वाली दोमट मिट्टी बढ़िया मानी गई है।

बता दें कि फूलों के बेहतरीन विकास के लिए खुली हवा और तेज धूप की जरूरत होती है, इसलिए ध्यान रखें कि गुलाब की खेती खुले खेत में की जाए। अगर खेत में कीड़े या बीमारियों का प्रकोप देखने को मिले तो जैविक कीट नाशकों के प्रयोग से छुटकारा पाया जा सकता है।

स्रोत: एबीपी

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जानिए धान की खेती में नील हरित शैवाल का उपयोग कैसे करें

  • यह एक नाइट्रोज़न स्थिरीकरण जीवाणु नील हरित शैवाल है, जो प्रकाश संश्लेषी सूक्ष्म जीव होते है। 

  • जो नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक है। नील-हरित शैवाल  को ‘सायनोबैक्टीरिया’ भी कहा जाता है|

  • यह सूक्ष्म जीव गुणात्मक रूप से बाकी जीवाणु वर्ग से अधिक लाभकारी होता है| इसलिए ये सायनोबैक्टीरिया कहलाते है। 

  • सभी नील-हरित शैवाल नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक नहीं होते हैं। नील-हरित शैवाल की कुछ प्रजातियाँ एनाबीना अजोला, एनाबीना फर्टिलिसिया, एनाबिना लेवेन्छरी, नॉस्टॉक फॉरमीडियम, आसिलेटोरिया, ट्राइकोडेसियम, इत्यादि नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक होते हैं|

  • नील-हरित शैवाल की उन प्रजातियों में हिटरोसिस्ट युक्त व हिटरोसिस्ट रहित दोनों प्रजातियां शामिल हैं, नील-हरित शैवाल धान की फसल के लिए बहुत उपयोगी हैं।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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