Management of Gram Pod Borer in Soybean

  • वयस्क कीट के नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप @ 3-4/एकड़ का उपयोग करें |
  • पहला स्प्रे प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 300 मिली/एकड़ + क्लोरोपायरीफॉस 20% ईसी @ 500  मिली/एकड़ |
  • दूसरा स्प्रे प्रोफेनोफोस 40% ईसी + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी @ 400 मिली/एकड़ + इमामैटिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80-100 ग्राम / एकड़ | 
  • तीसरा स्प्रे इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80 -100 ग्राम/एकड़ + फेन्प्रोप्रेथ्रिन 10% ईसी @ 250-300 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80-100 ग्राम/एकड़ + डेल्टामेथ्रिन @ 150 मिली/एकड़ |  
  • चौथा स्प्रे क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 9.3% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 4.6% जे सी@100 मिली/एकड़ या थायोडिकार्ब 75% डब्ल्यूपी @ 250 ग्राम/एकड़।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 1 लीटर या किलो/एकड़ की दर से स्प्रे करे 

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Gram pod borer in Soybean

नुकसान के लक्षण: –

  • लार्वा पौधे के सभी हिस्सों पर आक्रमण करते हैं, लेकिन ये फूल और फली को खाना अधिक पसंद करते हैं। 
  • प्रभावित फली पर ब्लैक होल दिखाई देता हैं तथा लार्वा भोजन करते समय फली से बाहर लटका हुआ दिखाई देता है।
  • व्यस्क लार्वा पत्तियों के क्लोरोफिल को खुरच -खुरच कर खाता है, जिससे पत्तियाँ कंकाल में परिवर्तित हो जाती है।
  • गंभीर संक्रमण की अवस्था में पत्तिया टूट कर गिरने लगती है तथा पौधा मर जाता है | 

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Flowering stage in Chilli

  • मिर्च में फूल वाली अवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण होती है |
  • मिर्च में फूलो का गिरना एक आम समस्या है।
  • मिर्च के उत्पादन में फूलों की संख्या बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है |
  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा मिर्च की फसल में फूलों को झड़ने से बचा कर उनकी संख्या को बढ़ाया जा सकता है परिणाम स्वरूप उपज बढ़ जाती हैं |
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली/एकड़ का स्प्रे करें |
  • समुद्री शैवाल का सत् 180-200 मिली/एकड़ का उपयोग करें|
  • सूक्ष्म पोषक तत्त्व 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें|
  • होशी नामक उत्पाद का 250 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें

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How to Control Fall army worm

  • प्रकाश प्रपंज लगाए।
  • 5/एकड़ की दर से खेत में फेरोमोन ट्रेप लगाइये।
  • बिवेरिया बेसियाना @ 1 किलो/एकड़ स्प्रै करवाइये |
  • फ्लूबेंडामीड 480 एससी @ 60 मिली/एकड़।
  • स्पिनोसेड 45% एससी @ 80 मिली/एकड़ |
  • क्लोरैट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी @ 60 मिली/एकड़ |
  • थायोडिकार्ब 75% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम/एकड़ |

इनमे से किसी एक कीट नाशक का प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ घोल बना कर छिड़काव करे।

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Fall army worm :- Nature of Damage

पहली बार भारत में इस कीट का प्रकोप जुलाई 2018 में कर्णाटक राज्य में देखा गया इसके बाद यह अन्य राज्यों में भी आ गया | मक्के की फसल को नुकसान पहुंचने वाला यह कीट अन्य कीटो की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहता हैं | इस कीट के पतंगे हवा के बहाव के साथ एक ही रात में लगभग 100 किलोमीटर तक उड़ सकते हैं इसकी एक मादा अपने जीवन काल में 1 से 2 हजार तक अण्डे देती हैं | नुकसान करने की वजह सिर्फ इनकी आबादी ही नहीं बल्कि नुकसान पहुंचाने या फसलों को खाने का तरीका भी हैं, ये कीट फसलों पर झुण्ड में आक्रमण करते हैं| जिसकी वजह से ये कुछ ही समय में पूरी फसल को नष्ट कर देते हैं यह बहु भक्षी कीट लगभग 80 प्रकार की फसलों को खाता हैं परन्तु इसका प्रिय भोजन मक्का हैं 

  • ये कीट सामान्यतया पत्तिया खाते है पर अधिक प्रकोप होने पर ये मक्के के फल को भी खाते है |
  • क्षतिग्रस्त पौधे की उपरी पत्तिया कटी फटी होती है, तथा डंठल आदि के पास नमी युक्त बुरादा पाया जाता है |
  • यह भुट्टे के ऊपरी भाग से खाना शुरू करते हैं

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Why, when and how to add mycorrhiza in the field

  • पौधे की जड़ की वृद्धि और विकास में सहायक हैं | 
  • यह फॉस्फेट को मिट्टी से फसलों तक पहुंचने में मदद करता हैं | 
  • नाइट्रोजन, पोटेशियम,लोहा,मैंगनीज,मैग्नीशियम,तांबा,जस्ता, बोरान, सल्फर और मोलिब्डेनम जैसे पोषक तत्वों को मिट्टी से जड़ो तक पहुंचाने का कार्य करता हैं जिससे पौधों को अधिक मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो पाते  हैं | 
  • यह पौधों को मज़बूती प्रदान करता हैं जिससे वह कई रोग, पानी की कमी आदि के लिए कुछ हद तक सहिष्णु हो जाते हैं |
  • फसल की प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता हैं परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं | 
  • क्योकी माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसलिए फसल अधिक स्थान से जल ले पाते हैं | 
  • मृदा उपचार –  50 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद/कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट/खेत की मिट्टी में @ 4 किलो माइकोराइजा को मिला कर फिर यह मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल बुवाई/रोपाई से पहले मिट्टी में मिला दें।
  • बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में उपरोक्त मिश्रण का बुरकाव करें।

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How to Control Cauliflower Diamondback moth:-

पहचान

  • अंडे सफ़ेद-पीले व हल्के हरे रंग लिये होते है|
  • इल्लियाँ 7-12 मिमी. लम्बी, हल्के पीले- हरे रंग की व पुरे शरीर पर बारीक रोयें होते है|
  • वयस्क 8-10 मिमी. लम्बे मटमैले भूरे रंग के व हल्के गेहुएं रंग के पतले पंख जिनका भीतरी किनारा पीले रंग का होता है|
  • वयस्क मादा पत्तियों पर एक एक कर या समूह में अंडे देती है|
  • इनके पखों के ऊपर सफेद धारी होती है जिन्हें मोड़ने पर हीरे जैसी आकृति दिखती है|

नुकसान

  • छोटी पतली हरी इल्लियाँ अण्डों से निकलने के बाद पत्तियों की बाहरी परत को खाकर छेद कर देती है |
  • अधिक आक्रमण होने पर पत्तियां पूरी तरह से ढांचानुमा रहा जाती है | 

नियंत्रण:- 

  • डायमण्ड बैक मोथ की रोकथाम के लिये बोल्ड सरसों को गोभी के प्रत्येक 25 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना चाहिये।
  • प्रोफेनोफ़ोस (50 ई.सी.) का 500 मिली/एकड़ या सायपरमेथ्रिन 4% ईसी + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी @ 400 मिली/एकड़ की दर से घोल बना कर छिडकाव करें।
  • स्पाइनोसेड (25 एस.सी.) 100 मिली/एकड़ या ईंडोक्साकार्ब 300 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट @ 100 ग्राम/एकड़ पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। छिडकाव रोपण के 25 दिन व दूसरा इसके 15 दिन बाद करे।
  • जैविक नियंत्रण के लिए बेवेरिया बैसियाना @ 1  किलो/एकड़ | 
  • नोट :- हर स्प्रे के साथ स्टीकर अवश्य मिलाये | 

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How to avoid adverse weather conditions in Soybean

  • वर्तमान परिस्थिति में वर्षा का न होना या अल्प वर्षा का होना नव अंकुरित फसले जैसे सोयबीन मक्का आदि के लिए एक समस्या पैदा कर रहा हैं जिसकी वजह से फसल की बढ़वार रुक रही हैं जो की आगे चल कर फसल उपज को  प्रभावित करेगा या कम करेगा | 

लक्षण

  • दोपहर के समय फसल का लटक जाना पत्तियों का मुड़ जाना ये पानी की कमी को दर्शाता हैं सुबह और शाम पौधा स्वस्थ दिखाई देता हैं |  

बचाव:- 

  • अगर संभव हो एक हल्की सिंचाई कर दे |
  • होशी नामक उत्पाद का 250 मिली/एकड़ का छिड़काव करे या रूटस 98 @ 100 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करे |
  • आवश्यकता पड़ने पर आप इसके साथ कीटनाशक के तौर पर प्रोफेनोफॉस तथा लैम्डा उपयोग कर सकते हैं 

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Why use Magnesium on cotton crop

  • कपास के पौधे में भोजन बनाने की प्रक्रिया में मैग्नीशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह क्लोरोफिल का महत्वपूर्ण घटक होता है इसके अलावा मैग्नीशियम पौधे में होने वाली विभिन्न एन्जायमिक क्रियाओ में तथा पौधे के उत्तको को बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है |
  • कपास की फसल में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण बुवाई के 25-30 दिनों बाद पौधे की निचली पत्तियों पर दिखाई देते है, मैग्नीशियम की कमी से ग्रसित पत्तियाँ बैंगनी से लाल रंग की तथा पत्तियों की शिराये हरे रंग की दिखाई देती है |
  • कपास की फसल को मैग्नेशियम की कमी से बचाने के लिए मैग्नेशियम को 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बुवाई के समय बेसल डोज के साथ मिलाकर दिया जाता है |
  • कपास की फसल में मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिये मेग्नेशियम सल्फेट @ 70-80 ग्राम प्रति एकड़ की दर  से एक सप्ताह के अंतराल में दो बार स्प्रे किया जाता है |

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Weed Management in Coriander

 

धनिया में फसल-खरपतवार प्रतिस्पर्धा की क्रांतिक अवधि 35-40 दिन है । इस अवधि में खरपतवारों की निंदाई नहीं करते है तो धनिया की उपज 40-45 प्रतिशत कम हो जाती है । धनिया में खरपतवरों की अधिकता या सघनता व आवश्यकता पड़ने पर निम्न में से किसी एक खरपतवानाशी दवा का प्रयोग कर सकते है ।
खरपतवार नाशी का तकनीकी नाम खरपतवार नाशी का व्यपारिक नाम दर सक्रिय तत्व(ग्राम/एकड़ .) खरपतवार नाशी की कुल मात्रा मि.ली /एकड़ .) पानी मात्रा ली/ ह. उपयोग का समय (दिन)
पेडिमिथलीन स्टाम्प 30 ई.सी 400 1200 240-280 0-2
पेडिमिथलीन स्टाम्प एक्स्ट्रा 38.7 सी.एस. 360 800 240-280 0-2
क्विजोलोफॉप इथाईल टरगासुपर 5 ई.सी. 20 40 240-280 15-20

 

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