Management of Black Rust disease in Wheat

  • यह फफूंद पौधों की पत्तियों और तनों पर लम्बे,अण्डाकार आकृति में लाल-भूरे रंग के धब्बे बनाता है|
  • संक्रमण के 10-20 दिनों के बाद धब्बे देखे जा सकते है|
  • कुछ दिनों बाद यह धब्बे फट जाते है और इनमे से पाउडरी तत्त्व निकलता है|
  • रोग विभिन्न माध्यमों जैसे -सिंचाई, बरसात और हवा के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पहुँचता है और अन्य फसलों को क्षति पहुँचाता है |
  • काला कण्डुआ अन्य कण्डुआ की तुलना में अधिक तापमान 18 -30°से.ग्रे.पर फैलता है|

नियंत्रण-

  • कंडुआ रोग के नियंत्रण के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए|
  • रोग प्रति-रोधी किस्मों की बुवाई करें |
  • बीज उपचार बुवाई के चार सप्ताह तक कण्डुआ को नियंत्रित कर सकता है और उसके बाद इसे दबा सकते है।
  • एक ही सक्रिय घटक वाले कवकनाशी का बार-बार उपयोग नहीं करें।
  • कासुगामीसिन 5%+कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% ई.सी.240 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें|

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Control strategies of Maize Stem Borer

  • यह मक्के का प्रमुख और अधिक हानि पहुँचाने वाला कीट है|
  • तना छेदक कीट की इल्ली मक्के के तने के बीच घुसकर सुरंग बना देती है|
  • यह इल्ली तने में घुसकर ऊतकों को खाती रहती है| इस कारण पौधो में जल और भोजन का संचरण नहीं हो पाता है| पौधा धीरे-धीरे पीला पड़कर सूखने लग जाता है| अंत में पौधा सूखकर मर जाता है|
  • प्रबंधन-

  • फसल की बोआई के 15 -20 दिन बाद फ़ोरेट 10%जी 4 किलो/एकड़ या फिप्रोनिल 0.3% जी 5 किलो/एकड़ को 50 किलो रेत में मिलाकर जमीन में दे एवं साथ ही सिंचाई करें|
  • यदि दानेदार कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया गया हैं तो नीचे दिए गए किसी एक कीटनाशक का छिड़काव करें|
  • बोआई के 20 दिनों बाद बाइफेंथ्रीन 10% EC 200 मिली प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें|
  • या बोआई के 20 दिनों बाद फिप्रोनिल 5% SC 500 मिली प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें |
  • करटाप हाईड्रो क्लोराईड 50% SP 400 ग्राम /एकड़ का स्प्रे करें|
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Seed Treatment in Bitter gourd

  • अच्छी गुणवत्ता एवं बीमारी और कीट से बचाव के लिए बुआई के पहले बीज उपचार जरूर करना चाहिए|
  • उपचार के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मेंकोजेब 63% फफूँदनाशक का उपयोग 2 ग्राम/किलोग्राम बीज की दर से करते है| या कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5%  2 ग्राम/किलोग्राम बीज से उपचारित करें|
  • रस चूसक कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 600 एफ. एस. (48%) 1 एम.एल/कि.ग्रा से उपचारित कर सकते है|

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Seed Treatment in Bottle gourd

  • अच्छी गुणवत्ता एवं बीमारी और कीट से बचाव के लिए बुआई के पहले बीज उपचार जरूर करना चाहिए|
  • उपचार के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मेंकोजेब 63% फफूँदनाशक का उपयोग 2 ग्राम/किलोग्राम बीज की दर से करते है| या कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5%  2 ग्राम/किलोग्राम बीज से उपचारित करें|
  • रस चूसक कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 600 एफ. एस. (48%) 1 एम.एल/कि.ग्रा से उपचारित कर सकते है|

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Soil preparation for Bottle gourd cultivation

  • प्रारंभिक तैयारी में खेत को डिस्क हेरो के द्वारा जोतने के बाद क्रास जुताई करनी चाहिये।
  • जुताई के समय 20 से 25 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टयर की दर से भूमि में मिलाना चाहिये ।  
  • अंतिम जुताई करने के समय खेत को पाटा चलाकर भूरभूरी एवं समतल कर लेना चाहिए।  
  • यदि खेत में नेमाटोड एवं सफेद चिंटी का प्रकोप हो तो 10 किलो प्रति एकड़ की दर से कार्बोफ्यूरान कीटनाशक पावडर का छिड़काव करें।  
  • खेत को समतल करने के बाद 40 से 50 से.मी. चौड़ी नालियाँ लगभग 2 से 2.5 से.मी. की दूरी पर बनाये।  

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Potato Harvester

  • आलू हारवेस्टर एक मशीन है जो की आलू की खुदाई के काम आती है|
  • यह मशीन आलू को जमींन से निकालकर मशीन के ऊपरी भाग में पहुँचा देती है|
  • आलू को मशीन की खुदाई युनिट से निकाला जाता है जहाँ आलू और मिट्टी अलग कर ली जाती है|
  • आलू और मिट्टी के पृथक्करण के द्वारा कंकड़, पत्थर और अन्य अशुद्धियों को हाथ से निकाल दिया जाता है|
  • इस प्रक्रिया के बाद आलू, संग्रहण युनिट में इकठ्ठा होते जाता है|

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Seed Treatment in snake gourd

  • अच्छी गुणवत्ता एवं बीमारी और कीट से बचाव के लिए बुआई के पहले बीज उपचार जरूर करना चाहिए|
  • उपचार के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मेंकोजेब 63% फफूँदनाशक का उपयोग 2 ग्राम/किलोग्राम बीज की दर से करते है| या कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5%  2 ग्राम/किलोग्राम बीज से उपचारित करें|
  • रस चूसक कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 600 एफ. एस. (48%) 1 एम.एल/कि.ग्रा से उपचारित कर सकते है|

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Role of Calcium in Garlic

  • कैल्शियम लहसुन में एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है और यह फसल की पैदावार और गुणवत्ता में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
  • कैल्शियम से जड़ स्थापना में वृद्धि एवं कोशिकाओं का विस्तार को बढ़ता है जिससे पौधों की ऊँचाई बढ़ती है ।
  • यह रोग और ठण्ड से सहिष्णुता बढ़ता है यद्यपि लहसुन में कैल्शियम की सिफारिश की गई मात्रा उपज, गुणवत्ता और भंडारण क्षमता के लिए अच्छी है।
  • कैल्शियम की अनुशंसित खुराक 4 किलोग्राम / एकड़ या मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार है।

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Soil preparation for snake gourd farming

  • बालम ककड़ी सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है|
  • फसल की बुवाई से पहले भूमि को 3-4 जुताई करके तैयार कर लेना चाहिए|
  • इसकी खेती के लिए जल निकास की व्यवस्था उत्तम होना चाहिए|
  • अच्छी उपज एवं गुणवत्ता के लिए मृदा में कम्पोस्ट खाद का उपयोग करना चाहिए|

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Management of Yellow Rust disease in Wheat

  • यह रोग फफूंद से होता है|
  • यह फफूंद नारंगी-पीले रंग के बीजाणु के द्वारा रोगी खेत से स्वस्थ खेत में फैलता है|
  • यह पत्तों की नसों की लंबाई के साथ पट्टियों में विकसित होकर छोटे-छोटे, बारीक़ धब्बे विकसित कर देता है|
  • धीरे-धीरे यह पत्तियों की दोनों सतह पर फ़ैल जाता है|
  • इस पर बने हुए पॉवडरी धब्बे 10-14 दिनों में फूट जाते है
  • यह रोग अधिक ठण्ड और नम जलवायु लगभग 10-15°से.ग्रे. तापमान पर फैलता है|

नियंत्रण-

  • कंडुआ रोग के नियंत्रण के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए|
  • रोग प्रति-रोधी किस्मों की बुवाई करें |
  • बीज या उर्वरक उपचार बुवाई के चार सप्ताह तक कण्डुआ को नियंत्रित कर सकता है और उसके बाद इसे दबा सकते है।
  • एक ही सक्रिय घटक वाले कवकनाशी का बार-बार उपयोग नहीं करें।
  • कासुगामीसिन 5%+कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% ई.सी.240 मिली /एकड़ का छिड़काव करें|

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