- आलू की फसल में मकड़ी के प्रकोप के कारण पत्तियां चारों ओर एक जाल बना कर पौधे को नुकसान पहुँचाती हैं।
- मकड़ी के प्रकोप के कारण आलू की फसल बीच बीच में पीली दिखाई देती है।
- रस चूसने के कारण पत्तियां ऊपरी भाग से पीली दिखाई देती हैं। धीरे-धीरे ये पत्तियां पूरी तरह मुड़कर सूख जाती हैं।
- इसके नियंत्रण के लिए स्पैरोमेसीफेन 22.9% SC @ 250 मिली/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या प्रॉपरजाइट 57% EC@ 400 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
गाजर की फसल में कंद का आकार बढ़ाने के लिए उपाय
- गाजर की फसल में बुआई के 40 दिनों बाद कंद का आकार बढ़ने के लिए उपाय किये जाने चाहिए।
- कंद बढ़ने के लिए सबसे पहला छिड़काव 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव किया जाना चाहिए।
- इसके बाद दूसरा छिड़काव गाजर निकलने के 10-15 दिन पहले 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ एवं इसके साथ पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
25 दिसंबर को भेजे गए पीएम किसान के पैसे, अगर आपको नहीं मिले तो यहाँ करें शिकायत
25 दिसंबर को 9 करोड़ किसानों के बैंक खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 18000 करोड़ रूपये सातवीं किस्त जारी कर दी गई है। ज्यादातर किसानों के बैंक खातों में यह राशि जमा हो चुकी है।
अगर आप भी किसान हैं और इस योजना के अंतर्गत राशि पाने की अर्हता रखते हैं, तो आप अपना स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। आपको इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए https://pmkisan.gov.in पर जाना होगा।
यहां आपको ‘Farmers Corner’ का विकल्प मिलेगा जिसपर क्लिक करने के बाद ‘Beneficiary Status’ का ऑप्शन आएगा। इस ऑप्शन पर क्लिक करने पर नया पेज खुलेगा जहाँ आपको आधार नंबर, बैंक खाता संख्या या मोबाइल नंबर में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। इस चुनाव के बाद आपको ‘Get Data’ पर क्लिक करना है। इससे आपको सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल जाएगी
स्रोत: इंडिया डॉट कॉम
Shareइंदौर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है भाव?
| डिवीजन | मंडी | फसल | न्यूनतम दर (₹/क्विंटल) |
अधिकतम दर (₹/क्विंटल) |
मॉडल दर (₹/क्विंटल) |
| इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | गेहूँ | 1463 | 1930 | 1695 |
| इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | चना | 3500 | 3971 | 3735 |
| इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | डॉलर चना | 4000 | 5171 | 4590 |
| इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | डॉलर चना बिटकी | 3800 | 4386 | 4095 |
| इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | मक्का | 1181 | 1214 | 1200 |
| इन्दौर | महू (अंबेडकर नगर) | सोयाबीन | 3600 | 4570 | 4085 |
| इन्दौर | धार | गेहूँ | 1596 | 2054 | 1625 |
| इन्दौर | धार | चना चना देशी | 3800 | 4185 | 3928 |
| इन्दौर | धार | डॉलर चना | 3500 | 5605 | 5072 |
| इन्दौर | धार | मक्का | 1130 | 1300 | 1261 |
| इन्दौर | धार | मटर | 3800 | 3800 | 3800 |
| इन्दौर | धार | मसूर | 4022 | 4698 | 4442 |
| इन्दौर | धार | सोयाबीन | 2670 | 4750 | 4070 |
| इन्दौर | सेंधवा | कपास बिना ओटी हुई | 5390 | 5615 | 5559 |
| इन्दौर | सेंधवा | टमाटर | 850 | 1100 | 975 |
| इन्दौर | सेंधवा | पत्ता गोभी | 950 | 1150 | 1050 |
| इन्दौर | सेंधवा | फूलगोभी | 900 | 1100 | 1000 |
| इन्दौर | सेंधवा | बैंगन | 800 | 1000 | 900 |
| इन्दौर | सेंधवा | भिण्डी | 1000 | 1200 | 1100 |
| इन्दौर | सेंधवा | लौकी | 900 | 1100 | 1000 |
मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में मौसम बना रहेगा शुष्क
मौसम अपडेट: उत्तर, मध्य, पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में शुष्क मौसम के बीच सर्दी बढ़ने की संभावना है। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में बारिश होने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareओस गिरने से फसल को होने वाले नुकसान को कैसे रोकें?
- मौसम में हो रहे परिवर्तनों के कारण जैसे जैसे सर्दी बढ़ रही है वैसे वैसे ओस की बूँदे भी फसलों पर गिरने लगी है।
- ओस की इन बूंदों के कारण फसलों में कई प्रकार के रोग लगने का खतरा बढ़ गया है।
- इन दिनों में सुबह के समय अक्सर फसल पर बर्फ जैसी ओस जमी हुई दिखाई देती है।
- ऐसे समय में फसलों पर बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- अधिक ओस गिरने के कारण फसलें चौपट हो जाती हैं, पत्तियां काली पड़ जाती हैं और फसल की बढ़वार भी रुक जाती है।
- कई बार इस रोग में फसल की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और धीरे धीरे पूरी फसल बर्बाद होने लगती है।
- इसके निवारण के लिए जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
आलू की फसल में 30-35 दिनों में मिट्टी पलटना होता है आवश्यक
- आलू की फसल में की जाने वाली एक मुख्य प्रक्रिया है मिट्टी पलटने की प्रक्रिया।
- इस प्रक्रिया को करने के कारण मिट्टी भुरभुरी हो जाती है एवं खरपतवार भी नष्ट हो जाते हैं।
- ऐसा करने से पौधे में कंद का विकास अच्छा होता है क्योंकि मिट्टी हवादार हो जाती है है और मिट्टी का तापमान भी बाहरी तापमान के बराबर हो जाता है।
- जब तक पौधे की ऊंचाई 15-22 सेंटीमीटर ना हो जाये तब तक एक से दो बार हर 20-25 दिनों के अंतर से मिट्टी पलटना बहुत आवश्यक होता है।
- बेहतर फसल की उपज के लिए मिट्टी पलटने की प्रक्रिया बहुत आवश्यक होती है।
सब्सिडी पर कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए आवेदन करें
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों से कोल्ड स्टोरेज बनाने के इच्छुक किसानों से आवेदन की मांग की हैं। इसके इच्छुक किसान ऑनलाइन विधि से आवेदन कर सकते हैं |
500 एवं 1000 मेट्रिक टन की क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए आवेदन प्रक्रिया अभी चालू है। इसके अंतर्गत दिनांक 26-12-2020 समय सुबह 11:00 बजे से दिनांक 10 जनवरी 2021 समय शाम 5:30 तक किसान आवेदन कर सकते हैं |
किसानों को आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पंजीयन उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर जाकर पंजीयन करवाना है।
स्रोत: किसान समाधान
Shareखेतों से मिट्टी का कटाव होने से खेती पर पड़ता है बुरा प्रभाव
- मिट्टी का कटाव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
- जब वर्षा के माध्यम से जल की बुँदे बहुत तेज़ी से मिट्टी पर गिरती है तो मिट्टी के छोटे छोटे कण बिखर जाते हैं और इसी के कारण मिट्टी में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
- मिट्टी का अधिक कटाव होने के कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
- मिट्टी के कटाव के कारण फसल की उपज पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है।
आपकी फसल के लिए बहुत लाभकारी है केंचुआ खाद
- केंचुआ खाद या वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) एक उत्तम जैव उर्वरक है।
- यह केंचुए के द्वारा गोबर, वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाया जाता है।
- केंचुआ खाद संपूर्ण पोषक तत्वों से परिपूर्ण खाद माना जाता है।
- इस खाद के उपयोग से फसलों की उपज बहुत ज्यादा बढ़ाई जा सकती है।
- इस खाद में बदबू नहीं होती है एवं यह मिट्टी एवं वातावरण प्रदूषण भी नहीं करती है।
- केंचुआ खाद में 2.5 से 3% नाइट्रोजन, 1.5 से 2% सल्फर तथा 1.5 से 2% पोटाश पाया जाता है।
