मिर्च में बैक्टीरियल लीफ स्पॉट की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय

Identification and control of bacterial leaf spot in chilli

मिर्च के पौधों में होने वाला ‘बैक्टीरियल लीफ स्पॉट’ एक गंभीर जीवाणु जनित रोग है। यह रोग मुख्य रूप से पुराने पौधों पर दिखाई देता है लेकिन जल्द ही ये नए पौधों को भी प्रभावित करने लगता है। इससे पत्तियों पर छोटे छोटे भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। पत्तियों के किनारे सूखने लगते हैं और धब्बे आपस में मिलकर अनियमित घाव बनाते हैं। पत्तियों में हरापन नहीं रहता और संक्रमण अधिक होने पर पत्तियां समय से पहले गिर जाती हैं। 

नियंत्रण: संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट कर देना चाहिए ताकि यह रोग अन्य पौधों में न फ़ैल सके। रोग मुक्त बीजों का प्रयोग करें और रोग दिखाई दे तो एम-45 (मैनकोजेब 75% WP) 400 ग्राम/एकड़ या  ब्लू कॉपर (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP) 300 ग्राम/एकड़ की दर 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।

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बंगाल की खाड़ी में तूफान की आहट, इन राज्यों पर दिखेगा इसका असर

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में निम्न दवाब का क्षेत्र बना है जो उत्तर पूर्व में आगे बढ़ते हुए पहले डिप्रेशन और फिर डीप डिप्रेशन बन जाएगा। 24 तारीख के बाद यह या तो डीप डिप्रेशन के रूप में म्यांमार की तरफ बढ़ेगा या एक कमजोर समुद्री तूफ़ान भी बन सकता है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश होगी। 25 और 26 तारीख को उड़ीसा के तट पर भी अच्छी बारिश की संभावना है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। केरल, दक्षिणी तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित लक्षद्वीप में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। दिल्ली सहित हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप पर जारी रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मिर्च की नर्सरी लगाने वाले किसान, इन बातों का रखें ख़ास ध्यान

How to manage a chilli nursery

जरूरत के हिसाब से मिर्च की नर्सरी में फव्वारे या हजारे की सहायता से पानी देते रहना चाहिए। गर्मियों में दोपहर के बाद एक दिन के अंतर पर पानी का छिड़काव कर देना चाहिए, क्योंकि गर्मी के मौसम में एग्रो नेट का प्रयोग करने से भी भूमि की नमी जल्दी उड़ जाती है। जल भराव अधिक मात्रा में होने की स्थिति में, उचित निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।

इसके अलावा क्यारियों में से घास कचरा साफ करते रहना चाहिए। अत्यधिक गर्मी होने पर रोपणी को घास के आवरण से ढक कर रखें, बीज के अंकुरण के 4 से 5 दिन बाद घास के आवरण को हटायें। क्यारियाँ साफ करने के बाद पौध गलन और रस चूसक कीट के नियंत्रण के लिए करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP) 25 ग्राम/पंप और थियानोवा -25 (थियामेथोसाम 25% WG) 10 ग्राम/पंप और मैक्सरुट 10 ग्राम/पंप को 15 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।

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ज्यादातर राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी, देखें मौसम पूर्वानुमान

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गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तक में तापमान 45 से 47 डिग्री तक पहुँचने की संभावना है। वीडियो के माध्यम से देखें कहाँ कहाँ रहेगा गर्मी का कहर जारी और कहाँ मिलेगी गर्मी से राहत।

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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सरकार देगी 70% तक की सब्सिडी, गेंदा फूल की खेती पर मिलेगा लाभ

marigold farming

किसानों के लिए शुरू की गई कई सरकारी योजनाओं की मदद से किसानों की आमदनी में इजाफा हो रहा है। इसी को देखते हुए सरकार खेती में कई नई योजनाएं भी लेकर आ रही है। बिहार सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए एक ऐसी ही योजना चला रही है। इसके अंतर्गत जो किसान गेंदे के फूल की खेती करते हैं उन्हें बंपर सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी देने के पीछे सरकार का उद्देश्य यह है की उत्तर बिहार के किसान गेंदे की खेती आत्मनिर्भरता हासिल कर सकें।

ख़बरों के अनुसार, बिहार में गेंदे के फूल की खेती के लिए वर्ष 2023-24 तक 6 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना के माध्यम से उत्तर बिहार के किसान गेंदे की खेती करने पर 70% तक की सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को प्राप्त होगा जिन्होंने DBT पोर्टल पर इसके लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया हो। अगर आपने अब तक DBT पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया हो, तो जल्द ही कर लें।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव पहुंचे 5000 रुपए

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
आलीराजपुर आलीराजपुर पीला 4300 4300
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4300 4500
बड़वानी अंजड़ पीला 4011 4011
धार बदनावर पीला 4800 5000
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 2371 4630
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 4090 4760
दमोह दमोह अन्य 4080 4100
देवास देवास सोयाबीन 4475 4500
धार धार सोयाबीन 4800 4800
इंदौर गौतमपुरा पीला 4500 4500
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4300 4302
हरदा हरदा पीला 4500 4575
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4400 4500
आलीराजपुर जोबट पीला 4000 4000
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4500 4500
धार कुक्षी सोयाबीन 4400 4500
राजगढ़ माचलपुर सोयाबीन 4200 4500
शाजापुर मोमनबड़ोदिया पीला 4100 4350
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 4580 4642
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 3400 4648
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 4500 4500
रतलाम रतलाम काला 4160 4200
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4100 4320
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 4200 4400
उमरिया उमरिया सोयाबीन 4400 4400

स्रोत: एगमार्कनेट

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भिंडी में सर्कोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय

Identification and control of Cercospora leaf spot disease in okra

इस रोग की शुरूआती अवस्था में पत्तियों की निचली सतह पर भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। ख़ास कर के पुरानी पत्तियां जो कि भूमि के समीप होती हैं, इस रोग से ज्यादा प्रभावित होती हैं। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, पत्तियां सूख कर भूरी हो कर मुड़ जाती हैं। गंभीर संक्रमण की स्थिति में पत्तियां पूरी तरह झड़ जाती हैं और पत्तियों की ऊपरी सतह पर भी धब्बे देखे जा सकते हैं। यह रोग नीचे से ऊपर की पत्तियों की तरफ बढ़ता है और तना और फलों को भी संक्रमित करता है।  

नियंत्रण: यदि इसका हमला देखा जाए तो एम -45 (मैनकोजेब 75% WP) 400 ग्राम/एकड़ की दर 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।

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आधे से ज्यादा भारत में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी, केरल में मूसलाधार बारिश

know the weather forecast,

दिल्ली सहित राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में हीट वेव का कहर जारी। पहाड़ों पर हल्की बारिश के आसार। दक्षिण भारत के अधिकांश राज्यों में तेज बारिश की संभावना। केरल के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। कुछ जगहों पर जल भराव और बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बैंगन की फसल में बैक्टीरियल विल्ट रोग की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय

Identification and control of bacterial wilt disease in brinjal crop

विल्ट रोग फसल की 50-55 दिनों की अवस्था में देखा जाता है। इससे प्रभावित पौधे अचानक मुरझा कर धीरे-धीरे सूख जाते हैं। ऐसे पौधे हाथ से खींचने पर आसानी से उखड़ जाते हैं। विल्ट रोग के कारण रोगी पौधों की जड़ें अंदर से भूरी व काली हो जाती हैं। रोगी पौधों को चीर कर देखने पर उतक काले दिखाई देते हैं। पौधों की पत्तियां मुरझाकर नीचे गिर जाती हैं। जमीन में ज्यादा नमी व गर्मी होने के कारण यह रोग बढ़ता है। 

नियंत्रण: इससे बचाव के लिए रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए। यह एक मिट्टी जनित रोग है इसलिए मिट्टी उपचार करना अति आवश्यक है। इसके लिए कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरिडी 1% WP) 2 किग्रा/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें या फिर फसल लगने के बाद रोग के लक्षण दिखने पर, ब्लू कॉपर (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP) का उपयोग 300 ग्राम/एकड़ पानी में मिलाकर ड्रिप के माध्यम से करें।

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मिर्च की एक बेहतरीन किस्म है राफेल, जानें इसकी खूबियां

Complete information of the Chilli variety Rafale

मिर्च की इस किस्म के पौधे बेहद मजबूत होते हैं। इन पौधों की शाखाएं घनी और अर्ध फैलाव लिए हुए होती हैं। इस किस्म में बेहतर गुणवत्ता वाले फल और बेहतरीन वृद्धि विकास की क्षमता होती है। इस किस्म के फल की लम्बाई लगभग 7 सेमी एवं मोटाई लगभग 1.2 सेमी होती है। इसके फल गहरे हरे रंग के एवं चिकनी त्वचा और मध्यम चमक वाले होते हैं। पकने पर इसके फल आकर्षक चमकदार गहरे लाल रंग में बदल जाते हैं। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के प्रति उत्कृष्ट सहनशील किस्म मानी जाती है। इसके फल की तुड़ाई आसानी से की जा सकती है और इस दौरान पौधों को किसी प्रकार की क्षति नहीं होती है। चमकदार, आकर्षक फल होने के कारण इस किस्म के मिर्च को बाजार भाव भी अच्छा मिलता है। यह अधिक तीखापन और बेहतर रंग के साथ बहुत अधिक उपज देने वाली संकर किस्म है। बीजदर 60-80 ग्राम/एकड़ की दर से इसकी नर्सरी तैयार कर सकते हैं। इसकी पहली तुड़ाई 60-65 दिन में कर सकते है। इस किस्म का रोपण करते समय कतार से कतार की दूरी 4 सेमी और पौधे से पौधे कि दूरी 2 सेमी रखनी चाहिए। 

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