- भिंडी की फसल में बुआई के 3 से 5 दिनों में खरपतवार प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- इस अवस्था में खरपतवार उगने पर भिंडी की फसल में विकास बहुत अधिक प्रभावित होती है।
- इसके लिए खरपतवार नियंत्रण के लिए पेंडीमेथलिन 38.7% CS @ 700 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- इस बात का ध्यान रखें की खरपतवारनाशी की उचित मात्रा का ही उपयोग करें।
भिंडी की फसल में थ्रिप्स के कारण हो सकती है भारी क्षति
- थ्रिप्स एक रस चुसक कीट है जो अपने नुकीले मुखपत्र से पत्तियों का रस चूसने का कार्य करता है।
- प्रभावित पौधें की पत्तियां सूखी एवं मुरझाई हुई दिखाई देती हैं या फिर विकृत हो जाती हैं और ऊपर की ओर कर्ल (मुड़ जाना) हो जाती हैं।
- थ्रिप्स के नियंत्रण के लिए रसायनों की अदला बदली करके ही उपयोग करना चाहिए।
- थ्रिप्स के प्रकोप के निवारण के लिए फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 200 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 40 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 80 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 75 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
इंदौर की मंडी में 2 मार्च को क्या रहा अलग अलग फसलों का भाव?
फसल | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
डॉलर चना | 4200 | 7430 |
गेहु | – | 2029 |
चना मौसमी | 3010 | 5655 |
सोयाबीन | 2010 | 5185 |
मक्का | 1150 | 1371 |
मसूर | 4650 | 4975 |
उड़द | 2760 | 4850 |
बटला | 3000 | 4600 |
मिर्ची | 5500 | 13910 |
सरसों | 5505 | 5505 |
प्याज के भाव | ||
नई लाल प्याज (आवक 32000 कट्टे ) 1500 – 2700 ₹ | ||
किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
सुपर | 2200 | 2600 |
एवरेज | 1600 | 2100 |
गोलटा | 1600 | 2000 |
गोलटी | 900 | 1500 |
छाटन | 400 | 800 |
लहसन के भाव | ||
( आवक – 25000 + कट्टे ) 4000 – 6500 ₹ | ||
किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
सुपर ऊटी | 5500 | 6200 |
देशी मोटा | 4000 | 5000 |
लड्डू देशी | 3200 | 4000 |
मीडियम | 2000 | 3000 |
बारीक | 800 | 1500 |
हल्की | 800 | 2000 |
नया आलू | ||
( आवक – 22000 + कट्टे ) | ||
किस्मे | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
चिप्स | 800 | 1000 |
ज्योति | 900 | 1000 |
गुल्ला | 600 | 750 |
छर्री | 200 | 350 |
छाटन | 600 | 900 |
मध्य प्रदेश समेत इन सभी राज्यों में बढ़ेगा तापमान, जाने मौसम पूर्वानुमान
मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश के कई राज्यों में तापमान बढ़ रहा है। विदर्भ, झारखंड, ओडिसा और तेलंगना के कुछ इलाको में तापमान 37 से 39 डिग्री तक पहुँच चुका है। इनमें से एक दो स्थानों पर तापमान 40 डिग्री तक पहुँच गया है। आने वाले कुछ दिनों तक भीषण गर्मी से कोई राहत की संभावना नहीं है। मौसम भी पूरी तरह से शुष्क बना रहेगा।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareकिसानों के लिए जरूरी खबर, रहें सतर्क नहीं तो चुकानी पड़ सकती है भारी कीमत
किसान क्रेडिट कार्ड से लाखों किसान लाभ ले रहे हैं। पर इसके माध्यम से ऋण लेने वाले किसान सतर्क हो जाएँ। दरअसल कार्ड से प्राप्त हुई राशि को ब्याज के साथ लौटाने के लिए अब सिर्फ 28 दिन बाकी बचे हैं। अगर किसान 31 मार्च तक बैंक को ये राशि ब्याज के साथ नहीं लौटाते हैं तो उन्हें 4% की जगह 7% तक ब्याज देना पड़ेगा।
बता दें की अगर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए आप 3 लाख रूपए का लोन लेते हैं तो आपको नियमों के अनुसार 7% तक ब्याज देना पड़ता हैं। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा किसानों का आर्थिक बोझ कम करते हुए इस पर 2% तक की सब्सिडी भी दी जाती हैं। इसके अलावा नियमों का पालन करते हुए उन किसानों को 3% तक अतिरिक्त ब्याज पर छूट दी जाती है।
स्रोत : कृषि जागरण
Shareपौधों में सूक्ष्म पोषक तत्व जिंक के लाभ और इसकी कमी के लक्षण
- जिंक पौधों में एन्जाइम क्रियाओं को उत्तेजित करता है तथा हार्मोन्स के निर्माण में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
- जिंक प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होता है। दलहनी फ़सलों में जिंक की कमी के कारण प्रोटीन संचय की दर कम हो जाती है जिससे फली के निर्माण में गिरावट आती है।
- यह क्लोरोफिल निर्माण में उत्प्रेरक का कार्य करता है अतः ये पौधों को भोजन निर्माण में मदद करता है।
- पौधों द्वारा फास्फोरस और नाइट्रोजन के उपयोग में जिंक मदद करता है।
- इसकी कमी से पत्तियों का आकार छोटा हो जाता है तथा यह मुड़ भी जाती हैं। इसके कारण पत्तियों पर पीली धारियां भी दिखाई पड़ने लगती हैं।
अपने खेत में ही तैयार कर सकते हैं स्वस्थ बीज़, जानें पूरी प्रक्रिया
- अच्छी फसल उत्पादन के लिए अच्छे एवं स्वस्थ बीजों का होना बहुत आवश्यक होता है।
- किसान नई फसल में से कुछ बीज़ अगली बार लगाने के लिए को सग्रहित करके रख लेता है।
- इन बीजों को संगहित करके रखने से पहले बीजों का अच्छे से छटाई करना बहुत आवश्यक होता है।
- इसके लिए जिस किस्म के बीज़ बनाने के लिए आपने चयन किया है उसे बाकि फसल से अलग अच्छे खेत में लगाना चाहिए।
- बीजों को लगाने से पहले मिट्टी उपचार एवं बीज़ उपचार करके ही लगाएं।
- फसल को पूरे फसल चक्र में कीट एवं बीमारी रहित रखने के लिए रसायनों का छिड़काव समय समय पर करते रहें।
- इस प्रकार किसान रोग रहित बीजों का उत्पादन कर सकते हैं।
LIC की यह पॉलिसी आपके बच्चों का भविष्य करेगी बेहतर, पढ़ें पूरी जानकारी
जीवन बीमा निगम (LIC) आपके बच्चों के लिए एक ख़ास पॉलिसी लेकर आई है। इसका नाम ‘न्यू चिल्ड्रन्स मनी बैक प्लान’ है। इससे आप अपने बच्चे के भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। इस पॉलिसी में अगर आप अच्छा निवेश कर देंगे तो जब तक आपका बच्चा अपनी पढ़ाई पूरी करेगा तब तक वो लखपति बन जाएगा।
एलआईसी के इस पॉलिसी से 0 से 12 वर्ष के बच्चे जुड़ सकते हैं। इस पॉलिसी में कम से कम 10 हजार रूपये की रकम जरूर निवेश करनी होती है। इसमें अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है।
इस पॉलिसी की कुल अवधि 25 वर्ष है और बच्चे के 18 वर्ष, 20 वर्ष और 22 वर्ष पूरा हो जाने पर बेसिक सम इंश्योर्ड के आधार पर 20-20% की राशि का भुगतान भी किया जाता है। इसके अलावा 25 वर्ष पूरा होने पर 40% पॉलिसी होल्डर को मिल जाता है।
इसके साथ ही पॉलिसी अवधि पूरी होने से पहले अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाए तो तो बीमा राशि के साथ साथ निहित साधारण प्रत्यावर्ती बोनस व अंतिम अतिरिक्त बोनस भी दिया जाता है।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप रहेगा जारी, जानें मौसम पूर्वानुमान
पिछले कुछ दिनों से तापमान में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। विदर्भ और दक्षिणी मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान 38 से 39 डिग्री तक पहुँच गई है। यह तापमान सामान्य से 3 से 4 ज्यादा है। आने वाले कुछ दिनों तक भीषण गर्मी से कोई राहत की संभावना नहीं है। मौसम भी पूरी तरह से शुष्क रहेगा।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareमायकोराइज़ा की मदद से तरबूज के पौधे को मिलती है बेहतर बढ़वार, जानें अन्य फायदे
- तरबूज के पौधों की जड़ों से माइकोराइज़ा कवक के सूक्ष्म कण जुड़कर जड़ों के वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को प्रदान करता है।
- विशेष रूप से फास्फोरस, पोटाश आदि जैसे तत्व तरबूज की फसल के विकास को बढ़ाते हैं।
- माइकोराइज़ा कवक तरबूज के पौधे को मिट्टी से अधिक से अधिक पोषक तत्वों एवं पानी को खींचने में मदद करता है।
- माइकोराइज़ा कवक विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय तनावों को सहने के लिए पौधे की सहनशीलता को बढ़ाता है।
- इसके अलावा, माइकोराइज़ा कवक मिट्टी में सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्वों को इक्क्ठा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।