2400 रुपये वाला वाला DAP खाद आप खरीद सकते हैं मात्र 1200 में
केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों किसानों के लिए राहत की खबर आई। केंद्र सरकार ने खाद की सब्सिडी सीमा में इजाफा कर दिया है। गौरतलब है की DAP के तहत उपयोग आने वाले फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें करीब 60 से 70% तक बढ़ गई हैं। इसी वजह से DAP बैग की कीमत 2400 रुपये हो गई है।
बहरहाल इन बढ़ी हुई कीमतों से किसान परेशान ना हों इस उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सब्सिडी राशी बढ़ा दी जिससे अब यह 1200 रुपये में ही किसानों को मिल जायेगा। एक बोरी खाद की कीमत किसानों के लिए तभी 1200 रुपये होगी जब वे आधार कार्ड या किसान कार्ड दिखा कर इसकी खरीदी करेंगे। इस समय बायोमेट्र्रिक (अंगूठे का निशान) से किसान की पहचान भी स्थापित की जायेगी। इसके बाद सब्सिडी के 1211 रुपये खाद कंपनियों को सरकार द्वारा ट्रांसफर कर दी जायेगी।
स्रोत: टीवी 9 भारतवर्ष
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बाढ़ सिंचित मिर्च की 40-60 दिनों की फसल में जरूर करें उर्वरक प्रबधन
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मिर्च की फसल 40-60 दिनों में रोपाई के बाद दूसरी वृद्धि अवस्था में रहती है। इस समय मिर्च की फसल में फूल की अवस्था होती है। अच्छे फूल लगने के लिए फसल में उर्वरक प्रबंधन करना आवश्यक होता है। पौधे के विकास के साथ साथ, अच्छे फूल एवं फल विकास के लिए प्रमुख और सूक्ष्म पोषक तत्व का फसल में उपयोग करना उपयोगी होता है।
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ये सभी पोषक तत्व मिर्च की फसल में सभी तत्वों की पूर्ति करते है, साथ ही फल विकास के समय, मिर्च की फसल में रोगों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करते हैं।
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पोषक तत्व प्रबंधन के लिए यूरिया 45 किग्रा/एकड़ + डीएपी 50 किग्रा/एकड़ + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किग्रा/एकड़ + सूक्ष्मपोषक तत्व 10 किग्रा/एकड़ + कैल्शियम नाइट्रेट @ 5 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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यूरिया: मिर्च की फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से पत्तियों में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को भी तेज़ करता है।
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DAP (डाय अमोनियम फॉस्फेट): इसका उपयोग फसल में फास्फोरस की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से जड़ की वृद्धि अच्छी होती है और पौधे की बढ़वार में सहायता मिलती है।
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मैग्नीशियम सल्फेट: मिर्च की फसल में मेग्नेशियम सल्फेट के प्रयोग से हरियाली बढ़ती है एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती है। अंततः उच्च पैदावार और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है।
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सूक्ष्म पोषक तत्व: यह मिर्च के पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सुगम करता है। फसल के उत्पादन को बढ़ाने एवं मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है।
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कैल्शियम नाइट्रेट: फसल के उत्पादन को बढ़ाने में यह सहायता करता है। पौधों के भीतर विषाक्त रसायनों को निष्क्रिय करने में सहायता करता है।
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बताये गए सभी पोषक तत्व का उपयोग मिट्टी में मिलाकर करें और उपयोग के बाद हल्की सिंचाई अवश्य करें।
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मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में मानसून की भारी बारिश की संभावना
मानसून की रेखा अब उत्तर भारत की तरफ सरकने लगेगी। 17 जुलाई को बिहार तथा उत्तर प्रदेश के तराई वाले जिलों में बारिश की शुरुआत होगी। 18 जुलाई से पश्चिम बंगाल, बिहार झारखंड, उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़, राजस्थान दिल्ली , पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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सस्ते में मिल जायेगी रॉयल एनफील्ड की बुलेट बाइक, होगी 1 लाख की बचत
रॉयल एन्फील्ड की बुलेट बाइक खरीदने की चाहत हर किसी की होती है। इसकी कीमत वर्तमान में 1.61 लाख रुपये है पर आप इसे महज 45 हजार रुपये में खरीद सकते हैं। 45 हजार रुपये में आपको बहुत अच्छी अवस्था वाली सेकंड हैंड बुलेट मिल सकती है।
ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहाँ पुरानी अच्छी अवस्था वाली बाइकें जम कर बिकती रही हैं। इनमें एक प्लेटफार्म है ओएलएक्स जहाँ इस समय पुरानी सेकंड हैंड बुलेट महज 45000 रुपये में मिल जाएगी। रॉयल एनफील्ड की बाइक आपको ओएलएक्स के बाइक सेक्शन में जाने पर दिख जायेगी।
इस सेक्शन में आपको बाइक कितनी पुरानी है, इसका क्या मॉडल है, इंजन कैसी है, कितने किलोमीटर चल चुकी है जैसी सभी जानकारियां तस्वीरों समेत मिल जायेगी।
बता दें की नई रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 की कीमत वर्तमान में 1,61,385 रुपये, रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 ईएस की कीमत 1,77,342 रुपये, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 (डुअल- एसबीएस) की कीमत 2,05,004 रुपये, रॉयल एनफील्ड मीटियोर 350 की कीमत 2,08,751 रुपये, रॉयल एनफील्ड मीटियोर 350 (स्टेलर) की कीमत 2,15,023 रुपये और रॉयल एनफील्ड मीटियोर 350 (सुपरनोवा) की कीमत 2,25,478 रुपये है।
स्रोत: गुड रिटर्न्स डॉट इन
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16 जुलाई को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?
वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 16 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?
वीडियो स्रोत: यूट्यूब
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कम लागत में बेहतर दूध उत्पादन में मददगार होगा ये चारा
हरा चारा ना मिल पाने से पशुओं के प्रजनन, स्वास्थ्य और दुग्ध उत्पादन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। हरे चारे की इसी कमी को दूर करने के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए एक खास किस्म का घास विकसित किया है। इस घास को बाजरा व नेपियर को मिक्स कर तैयार किया गया है। इस घास का नाम बाजरा-नेपियार हाइब्रिड घास रखा गया है।
इस घास के सेवन से पशुओं के दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है और यह करीब आधे से एक लीटर तक बढ़ जाता है। गर्मियों के मौसम में हरे चारे की काफी कमी होती है, इस कमी को बीएन घास से काफी हद्द तक दूर किया जा सकता है। बता दें की किसान इस घास को एक बार लगाने के बाद कई बार काट सकते हैं।
स्रोत: टीवी 9 भारतवर्ष
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टमाटर में अगेती झुलसा रोग से होगा नुकसान, ऐसे करें रोकथाम
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यह रोग आल्टरनेरिया सोलेनाई नामक फफूंदी के कारण लगता है।
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इस रोग के शुरूआती लक्षणों में पत्तों के ऊपर गोल गहरे भूरे रंग के धब्बे बनते हैं।
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रोग के बढ़ने पर, तने पर पहले अंडाकार तथा फिर बेलनाकार से धब्बे बनते हैं।
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पत्तियों पर गोल अंडाकार या सकेंद्रिय धब्बे बन जाते हैं जो भूरे रंग के होते हैं।
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धब्बों का आकार धीरे-धीरे बढ़ने लगता है जो बाद में पूरी पत्ती को ढक लेता है और पत्तियां पीली पड़ जाती है। पौधे को इससे बहुत नुकसान होता है।
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इस रोग के रोकथाम के लिए मैनकोज़ेब 75% WP@ 600 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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कल से मध्य प्रदेश का लगभग सभी जिलों में बारिश बढ़ेगी, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के कई क्षेत्रों में मानसून की वर्षा होने की संभावना है। 17 जुलाई से मानसून पूर्वी भारत में सक्रिय होने लगेगा तथा 18,19 और 20 जुलाई को बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली पंजाब हरियाणा, राजस्थान तथा गुजरात में अच्छी बारिश शुरू हो सकती है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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15 जुलाई को मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या रहे अलग अलग फसलों के भाव
मंडी |
फसल |
न्यूनतम |
अधिकतम |
मॉडल |
हरसूद |
सोयाबीन |
5200 |
7433 |
7291 |
हरसूद |
तूवर |
3000 |
3301 |
3301 |
हरसूद |
चना |
3900 |
4001 |
4001 |
हरसूद |
मूंग |
6100 |
6250 |
6176 |
रतलाम _(नामली मंडी) |
गेहूँ लोकवन |
1900 |
1900 |
1900 |
रतलाम _(नामली मंडी) |
यलो सोयाबीन |
6500 |
7801 |
7350 |
रतलाम |
गेहूँ शरबती |
2350 |
2980 |
2780 |
रतलाम |
गेहूँ लोकवन |
1800 |
2170 |
1910 |
रतलाम |
इटालियन चना |
4000 |
4702 |
4551 |
रतलाम |
विशाल चना |
3800 |
4700 |
4414 |
रतलाम |
डॉलर चना |
4500 |
8000 |
7000 |
रतलाम |
यलो सोयाबीन |
6800 |
7650 |
7315 |
रतलाम |
मेथी |
5701 |
5701 |
5701 |
रतलाम |
मटर |
3000 |
8650 |
7408 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
सोयाबीन |
7300 |
7800 |
7550 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
गेहूँ |
1601 |
2225 |
1913 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
चना |
3860 |
4536 |
4198 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
मटर |
3401 |
4341 |
3871 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
मसूर |
3401 |
3401 |
3401 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
मेधी दाना |
6280 |
6280 |
6280 |
रतलाम _(नामली मंडी) |
लहसून |
1500 |
10113 |
6000 |
रतलाम_एपीएमसी |
प्याज |
712 |
1950 |
1410 |
रतलाम_एपीएमसी |
लहसून |
1100 |
8000 |
4250 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
प्याज |
600 |
1850 |
1225 |
रतलाम _(सेलाना मंडी) |
लहसून |
1300 |
8780 |
5040 |
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