मंदसौर मंडी में 24 दिसंबर को क्या रहे प्याज व लहसुन के भाव, देखें रिपोर्ट

Mandsaur Garlic and Onion Rates

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे प्याज और लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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जलकुंभी से तैयार होगा उच्च गुणवत्ता वाला केंचुआ खाद

Vermi compost made from water hyacinth
  • तालाबों में या जहां ठहरा हुआ पानी रहता है वहाँ जलकुंभी एक बड़ी समस्या बन जाती है l इसके कारण मछली पालन एवं अन्य जल वाली फसलें लगाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है l एक बार जलकुंभी को निकालने के बाद कुछ दिनों में यह फिर से फ़ैल जाती है l 

  • जलकुंभी की समस्या से निपटने के लिए इससे केंचुआ खाद बनाना एक बेहतर विकल्प है।

केंचुआ खाद बनाने की विधि

  • जलकुंभी को पानी से निकालकर, उसकी जड़ें काटकर तब तक सुखाएं जब तक इसका रंग हरे से भूरे में न बदल जाए। 

  • गोबर में पानी मिलाकर उसका स्लरी या घोल बनाएं। इसमें सूखी हुई जलकुंभी मिलाकर ड्रम या मिट्टी के ऊपर एकत्रित कर लें और ऊपर से जूट के बोरे, घास फूस या जलकुम्भी की पत्तियों के द्वारा ढक दें। 

  • अब 4-5 दिन बाद इसमें केचुंए मिलाएं। केचुंए डालने के बाद 4-5 दिन तक पानी छिड़कते रहें क्योंकि केचुंए नरम चीज ही खाते हैं, इसलिए नमी को बनाये रखना आवश्यक है।  

  • इस तरह 3 महीने में वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जाता है। इसमें एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि गोबर की मात्रा सही डालें नहीं तो केचुंए खाना छोड़ देते हैं और खाद अच्छे से नहीं बन पाती है।

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बारिश, ओलावृष्टि व कोहरे का कहर, देखें पूरे देश का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

जल्दी ही पंजाब से लेकर बिहार तक बारिश शुरू होगी। हरियाणा दिल्ली उत्तर प्रदेश राजस्थान और मध्य प्रदेश भी होंगे प्रभावित। पहाड़ों पर भारी बर्फबारी के आसार है तथा कई स्थानों पर लैंडस्लाइड भी हो सकती है। दक्षिण भारत का मौसम फिलहाल शुष्क रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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प्याज भाव में आई कितनी तेजी, देखें इंदौर मंडी में 23 दिसंबर को क्या रहे भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 23 दिसंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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सोयाबीन में तेजी या मंदी, देखें मंदसौर मंडी में 23 दिसंबर को क्या रहे भाव?

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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मुफ्त मिलेंगे मक्के के बीज, किसान भाई ऐसे ले सकते हैं इसका लाभ

Maize seeds will be available for free

कम सिंचाई में ज्यादा उपज देने वाली फसलों को सरकार की तरफ से बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में सरकार सामूहिक तौर पर मक्के की खेती करने वाले किसानों को मुफ्त बीज देने की तैयारी की जा रही है। यह तैयारी छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए की जा रही है।

प्रधान मंत्री बीमा योजना अंतर्गत इस बार ग्रीष्म धान शामिल नहीं है। धान के बदले दलहन-तिलहन फसलों में चना, सरसों की खेती को ज्यादा तबज्जो दी जा रही है। इसके अलावा कम सिंचाई में अधिक फसल का लाभ किसानों को मिले इस बाबत जागरूकता फैलाई जा रही है। इसी कड़ी में मक्का की सामूहिक खेती के लिए निशुल्क बीज दिए जा रहे हैं।

स्रोत: नई दुनिया

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मंदसौर मंडी में 23 दिसंबर को क्या रहे प्याज व लहसुन के भाव, देखें रिपोर्ट

Mandsaur Garlic and Onion Rates

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे प्याज और लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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सरसों में आरा मक्खी के प्रकोप की ऐसे करें पहचान व नियंत्रण

How to identify and control the outbreak of sawfly in mustard

  • सरसों की फसल में अंकुरण के 25-30 दिन बाद आरा मक्खी बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है।

  • इस कीट के मादा वयस्क का पिछला भाग काफी विकसित एवं आरी के जैसा होता है जिसकी मदद से ये पत्तियों में छेद करके अंडे देती है। यह पौधे से रस को चूसती है और फूल को संक्रमित कर उड़ जाती है। अक्सर पुष्प क्रम के प्रमुख भाग को यह मक्खी चट कर जाती है, जिससे पौधे की बढ़वार भी रुक जाती है।

  • इस कीट का लार्वा सूर्यास्त के बाद एवं प्रातः काल के समय पत्तियों को खाता है एवं दिन में मिट्टी के अंदर छिपा रहता है।

  • आरा मक्खी का फसल पर अधिक प्रकोप होने पर पत्तियों के स्थान पर शिराओं का जाल ही शेष रह जाता है।

  • इसके नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 500 मिली या थियामेथॉक्साम 12.6% + लैम्ब्डा सिहलोथ्रिन 9.5% जेडसी @ 80 ग्राम या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक नियंत्रण के लिए बवेरिया बेसियाना 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें l

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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किसान दिवस पर ग्रामोफ़ोन की शुभकामनाएं, आप हैं तो हम हैं

Gramophone Greetings on Farmer's Day

ग्रामोफ़ोन परिवार की तरफ से सभी किसान भाइयों को किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। वैसे ग्रामोफ़ोन परिवार के लिए तो हर रोज ही किसानोत्सव होता है, हमारे टीम के सदस्य कभी फ़ोन कॉल के माध्यम से, कभी ऐप नोटिफिकेशन के माध्यम से, कभी वीडियोज के माध्यम से, कभी ग्रामोफ़ोन उदय अखबार के माध्यम से तो कभी खुद व्यक्तिगत तौर पर गांवों में किसानों के बीच पहुँचते रहते हैं और किसानों के साथ कदम से कदम मिला कर काम करते हैं।

टीम ग्रामोफ़ोन के सदस्यों के इसी समर्पण का नतीजा है की किसान भी हमें अपने परिवार का हिस्सा ही समझने लगे हैं। किसान जब ग्रामोफ़ोन को अपना साथी, दोस्त, भाई बताते हैं तब हमें ख़ुशी के साथ साथ जिम्मेदारी का भी एहसास होता है और हम अपने किसान भाइयों के लिए हर वो कार्य करने को हमेशा तैयार रहते हैं जिससे उनकी खेती आसान हो, कृषि लागत कम हो और आमदनी में इजाफा हो। किसान भाइयों और ग्रामोफ़ोन का ये साथ आगे भी ऐसे ही बना रहेगा और भारतीय कृषि नई ऊंचाइयों को छूती रहेगी। आप सभी को एक बार फिर किसान दिवस की हार्दिक शुभकामना। आप हैं तो हम हैं।

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तरबूज की खेती से अच्छी उपज के लिए ऐसे करें उर्वरक प्रबंधन

  • तरबूज़ की फसल में उर्वरक प्रबंधन करने से, पोषण से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है एवं उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होती है। 

  • बुवाई के पहले खेत जी तैयारी के समय DAP @ 50 किलो + बोरोनेटेड एसएसपी @ 75 किलो + पोटाश @ 75 किलो + जिंक सल्फेट @ 10 किलो + मैग्नीशियम सल्फेट @ 10 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से दें। 

  • बुवाई के समय 20 किलो यूरिया के साथ समृद्धि किट [ट्राइकोडर्मा विरडी (राइज़ोकेयर) 500 ग्राम + एनपीके बैक्टीरिया का संघ (टीम बायो-3) 3 किलो  + ZnSB (ताबा जी) 4 किलो + सीवीड एक्स्ट्रैक्ट, ह्यूमिक एसिड, अमीनो एसिड और माइकोराइजा (मैक्समायको ) 2 किलो] प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।  

  • इस प्रकार उर्वरक प्रबंधन करने से फसल एवं मिट्टी में फास्फोरस, पोटाश, नाइट्रोजन के साथ अन्य  उर्वरक एवं पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है। 

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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