टमाटर की फसल में लीफ माइनर का हो रहा प्रकोप, जानें नियंत्रण विधि

Leaf miner outbreak in tomato crop
  • किसान भाइयों टमाटर की फसल में लीफ माइनर (पर्ण सुरंगक) कीट बहुत ही छोटे होते हैं जो पत्तियों के अंदर जाकर हरित पदार्थ को खाकर सुरंग बनाते हैं। जिसके कारण पत्तियों पर सफेद लकीरें दिखाई देती है। 

  • प्रौढ़ कीट हल्के पीले रंग का होता है एवं शिशु कीट बहुत छोटे एवं पैर विहीन पीले रंग के होते हैं। 

  • इसकी क्षति के लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर दिखाई देते है। 

  • जैसे ही लार्वा पत्ती के अंदर प्रवेश कर पत्तियों को खाना शुरू करता है पत्तियों के दोनों और सफेद सर्पिलाकार रचनाएँ दिखाई देने लगती है। 

  • इसके प्रकोप से प्रभावित पौधे पर फल कम लगते है और पत्तियां समय से पहले गिर जाती है। 

  • पौधों की बढ़वार रुक जाती है एवं पौधे छोटे रह जाते है। 

  • इसके प्रकोप के कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया भी प्रभावित होती है।  

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9 % ईसी @ 150 मिली या स्पिनोसेड 45% एससी @ 75 मिली या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% ओडी @ 250 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के लिए बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

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बेमौसम बारिश से फसल क्षति की संभावना, किसान भाई रहें सावधान

know the weather forecast,

फरवरी के शुरुआत में एक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर हिमपात देगा तथा उत्तर भारत के साथ-साथ पूर्वी भारत और उत्तर पूर्वी भारत के कई राज्यों में बारिश देगा। बारिश के चलते पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचने के आसार दिखाई दे रहे हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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खाद देने के इस जुगाड़ से नहीं होगी खाद की बर्बादी

This tremendous Jugaad of fertilizer will not lead to waste of manure

आपने अपने खेत में लगी फसलों में कई बार खाद डाले होंगे। पर क्या आपको पता है की खाद का पूरा उपयोग फसल नहीं कर पाती है इससे खाद की बर्बादी होती है और कृषि खर्च बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इन्हीं परेशानियों को दूर करता है खाद डालने का ये ज़बरदस्त जुगाड़। इस जुगाड़ से अगर आप अपनी फसल में खाद डालेंगे तो खाद की बर्बादी नहीं होगी और कम ही खाद के उपयोग में आपकी फसल हष्ट-पुष्ट हो जायेगी। 

वीडियो स्रोत: इंडियन फार्मर

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किसानों को मिलेगी 25000 रुपए की सहायता, पढ़ें पूरी खबर

Farmers will get the assistance of Rs 25000

हाल ही में बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति से कई राज्यों के किसान परेशान हैं। इससे किसानों की भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के नुकसान को कम करने के लिए कई राज्य सरकारें अपने स्तर पर मुआवजा देने का ऐलान कर रही है।

मध्य प्रदेश सरकार भी अपने क्षेत्र के किसानों की मदद कर रही है। मुआवजा राशि देने हेतु फिलहाल सर्वे का काम किया जा रहा है। फसल क्षति का आकलन कर के जल्द ही किसानों को मुआवजा राशि भी दी जाएगी।

मीडिया में ख़बरों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “हाल ही में हुई ओलावृष्टि में 50 प्रतिशत फसल बर्बाद करने वाले किसानों को उनकी बेटियों की शादी के लिए राज्य सरकार 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देगी। साथ ही सरकार अगले साल किसानों को ऋण प्राप्त करने की सुविधा भी देगी।”

वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने 10 जनवरी 2022 को कहा था कि “राज्य सरकार ने अधिकारियों को बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों का सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को उनके फसलों के नुकसान के लिए तत्काल 25 प्रतिशत मुआवजा राशि प्रदान करेगी।”

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन डॉट कॉम

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प्याज में पत्तियां जलने के कारण एवं नियंत्रण के उपाय

Reasons and solutions to the problem of leaf tip burning in onion crop

  • किसान भाइयों इस समय प्याज की फसल में पत्तियों के नोक जलने की समस्या बहुत देखने को मिलती है। 

  • प्याज के किनारे जलने के विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे- फफूंदी जनित रोग, कीटों का प्रकोप एवं पोषक तत्व की कमी आदि। 

  • यदि मिट्टी या पत्ते पर किसी भी प्रकार के फफूंद का आक्रमण होता है तो भी प्याज के पत्ते के किनारे जलते है। 

  • यदि फसल की जड़ों या पत्तियों पर किसी प्रकार के कीट का प्रकोप हो तो भी यह समस्या होती है। 

  • प्याज की फसल में नत्रजन या किसी महत्वपूर्ण पोषक तत्व की यदि कमी हो जाती है तो भी पत्ते जलने की समस्या देखी जाती है इसके नियंत्रण के लिए निम्न उत्पादों का उपयोग लाभकारी होता है। 

  • फफूंदी जनित रोगों के नियंत्रण के लिए कीटाजिन 48% ईसी @ 200 मिली या कासुगामाइसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें। 

  • कीटों की रोकथाम के लिए फिप्रोनिल 5% एससी @ 400 मिली या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5% ईसी @ 250 मिली या फिप्रोनिल 40% +इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी @ 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर उपयोग करें।  

  • पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सीवीड एक्स्ट्रैक्ट @ 400 मिली या ह्युमिक एसिड 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

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मटर एवं चने में फली छेदक इल्ली की रोकथाम के उपाय

A problem of pod borer in pea and gram crop
  • किसान भाइयों एवं बहनों, फली छेदक मटर एवं चने की फसल का प्रमुख कीट है जो फसल को भारी नुकसान पहुंचाता है। 

  • इसकी इल्ली गहरे रंग की होती है जो बाद में गहरे भूरे रंग की हो जाती है यह कीट फूल आने के समय से फसल कटाई तक फसल को नुकसान पहुंचाते है।

  • यह कीट फली में छेद करके अंदर प्रवेश कर दाने को खाकर नुकसान पहुंचाती है। 

  • इसके नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम या फ्लुबेंडियामाइड 39.35 % एससी @ 50 मिली या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5 % एससी @ 60 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से  छिड़काव करें।

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फिर शुरू होगा बेमौसम बारिश का दौर, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अगले 3 दिनों के दौरान भारत के लगभग सभी राज्यों का मौसम शुष्क बना रहेगा हालांकि पूर्वोत्तर सहित तमिलनाडु के कुछ इलाकों में छिटपुट वर्षा संभव है। 2 फरवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर हिमपात देना शुरू करेगा तथा उत्तर भारत से होते हुए पूर्वी भारत तक बारिश की गतिविधियां देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इंदौर मंडी में 29 जनवरी को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 29 जनवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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मुर्गी पालन के लिए मिलेंगे 1 करोड़, जानें पूरी प्रक्रिया व शुरू करें व्यवसाय

poultry farming loan scheme

कई किसान खेती के साथ साथ पशुपालन या मुर्गी पालन जैसे कार्य भी करते हैं और अच्छी कमाई कर लेते हैं। सरकार भी किसानों को इन क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। सरकार कई योजनाओं के माध्यम से पशुपालन, मुर्गी पालन आदि को बढ़ावा भी दे रही है। अगर आप मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आप सरकारी सहायता प्राप्त कर आसानी से इसे शुरू कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए कुक्कुट पालन कर्ज योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं। यह लोन किसानों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। इसका अर्थ हुआ की कुछ राशि किसान को देनी होती है और बाकी की राशि सरकार द्वारा बैंक से उपलब्ध कराई जाती है।

इसके तहत करीब 30 हजार पक्षियों की व्यवसायिक इकाई के अलावा 10 हजार पक्षियों की इकाई स्थापित की जाती है। 30 हजार पक्षियों वाली इकाई के लिए 1.60 करोड़ रुपये की लागत आती है जिसमे से 54 लाख रुपये की किसान को और बाकी के 1.06 करोड़ रूपए की राशि का बैंक द्वारा ऋण के तौर पर मिल जाती है। यह ऋण आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, फेडरल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक से प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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