करेले में फल एवं फूलों के अपूर्ण विकास के कारण व निदान

The reason for incomplete growth of fruits and flowers in bitter gourd crop
  • किसान भाइयों अभी अधिकतर स्थानों पर करेले की फसल लगी हुई है। 

  • कहीं – कहीं पर फल लगने प्रारम्भ हो चुके है परन्तु पूरी तरह विकसित नहीं हो रहे हैं और आकार में छोटे भी रह जा रहे हैं। 

  • मुख्यतः यह समस्या मौसम परिवर्तन के कारण मधुमक्खियों की कार्यशीलता में कमी के कारण होता है। 

  • जैसे कि आप सभी जानते हैं की मधुमक्खियां प्राकृतिक रूप से कद्दू वर्गीय फसलों में परागण के लिए सहायता करती है। 

  • यदि मधुमक्खियों की क्रियाशीलता में कमी होती है तो करेले की फसल में फलों का विकास अपूर्ण होता है या फल लगते ही नहीं हैं। 

  • इसका दूसरा कारण पौधों में बोरॉन की कमी होने से भी हो सकता है। इसके लिए बोरॉन 1 किलो प्रति एकड़ की दर से ड्रिप में दे सकते हैं।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

कई राज्यों में प्री मानसून वर्षा जारी रहने की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सरकुलेशन बन सकता है परंतु समुद्री सतह के तापमान कम होने के कारण डिप्रेशन या तूफान बनने की संभावना नहीं है। तमिलनाडु केरल कर्नाटक सहित पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की संभावना है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छिटपुट वर्षा संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

खेत की तारबंदी के लिए सरकार देगी 40 हजार का अनुदान

Government will give a grant of 40 thousand for the fencing of the farm

फसल की सुरक्षा किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है। आवारा और जंगली पशुओं से फसल को बचाने के लिए किसानों को हर वक्त खेत की निगरानी करनी पड़ती है, जो कि मुश्किल और जोखिम भरा काम है। इससे बचने का एकमात्र उपाय तारबंदी है, हालांकि सभी किसान इसका खर्चा नहीं उठा सकते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार अपने प्रदेश के किसानों को तारबंदी के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इसकी मदद से किसान कुल लागत का 50% खर्च कर अपने खेतों में तारबंदी कर सकते हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट में ‘राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन’ के तहत तारबंदी के लिए सब्सिडी देने की घोषणा की है। इसके अनुसार सरकार द्वारा तारबंदी के लिए प्रति किसान को 400 रनिंग मीटर पर 40 हजार का अधिकतम अनुदान दिया जाएगा। वहीं इस योजना के तहत अगले 2 सालों में 35 हजार से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे।

इतना ही नहीं राज्य सरकार ने राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन योजना में कई बदलाव भी किए हैं। इसके अनुसार 3 किसानों को एक यूनिट मानने की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। अब से अकेला किसान ही इसका लाभ प्राप्त कर सकेगा। वहीं न्यूनतम क्षेत्रफल सीमा को घटाकर 1.5 हेक्टेयर कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का फायदा उठा सकें।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

मूंग के किसानों को होगा फायदा, मध्य प्रदेश सरकार का ऐलान

मूंग के किसानों के लिए सरकार का खास प्लान

मध्यप्रदेश सरकार ने मूंग के किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए एक खास ऐलान किया है। इसके तहत अब राज्य के हरदा और नर्मदापुरम जिले के किसानों को मूंग में सिंचाई के लिए पानी की किल्लत नहीं होगी। इस बार ग्रीष्मऋतु में किसानों को मूंग की खेती के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। इसके लिए सरकार ने तवा डेम से नहरों में पानी छोड़ने की व्यवस्था की है। जिन नहरों से यह पानी खेतों तक पहुंचाया जाएगा।

राज्य के जल संसाधन मंत्री ने 25 मार्च से तवा डैम से पानी छोड़े जाने की घोषणा की है। सरकार के अनुसार डैम में 782 एमसीएम पानी उपलब्ध है। जिसके चलते मूंग की फसल के लिए पर्याप्त पानी पहुंचाया जा सकेगा। यह पानी मूंग के खेतों में 60 दिनों तक दो किस्तों में दिया जाएगा, ताकि फसल को पर्याप्त पानी मिल सके। सरकार का मानना है कि तवा डेम की वजह से किसानों को मूंग की खेती में इस बार भरपूर फायदा होगा। जिससे मूंग किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

आकड़ों के अनुसार पिछली साल पानी की कमी की वजह से मूंग की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। वहीं इस बार तवा डैम में पानी की उपलब्धता को देखते हुए राज्य सरकार ने नहरों में पानी छोड़ने का फैसला लिया है। इसके तहत दो दिवसीय उत्सव मना कर तवा डेम के माध्यम से नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। जिसमें हरदा एवं होशंगाबाद के लिए 40-40 हजार हेक्टेयर में पानी दिया जाएगा। जिसके बाद बांध में बचा हुआ पानी दूसरे कामों में उपयोग लाया जाएगा।

स्रोत: भास्कर

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

क्या चल रहे हैं टमाटर भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

Tomato mandi rates

मध्य प्रदेश की सेंधवा, खरगौन, मंदसौर, सांवेर, पंधना, देवास, धार, राजगढ़, जबलपुर जैसी प्रमुख मंडियों में कल तक क्या रहे टमाटर भाव? देखें पूरी लिस्ट।

मंडी

भाव प्रति क्विंटल

सेंधवा

700 रूपये

खरगौन

800 रूपये

मंदसौर

780 रूपये

सांवेर

900 रूपये

पंधना

700 रूपये

देवास

900 रूपये

धार

1650 रूपये

राजगढ़

700 रूपये

जबलपुर

1100 रूपये

स्रोत: कृषि सहारा

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

इंदौर मंडी में 26 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 26 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

इंदौर मंडी में 26 मार्च को लहसुन के भाव क्या रहे?

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

अब झटपट होगी गेहूँ की पूरी कटाई, ट्रैक्टर रिपर मशीन बनेगी मददगार

tractor ripper machine will be helpful in harvesting of wheat

बिना मजदूर रखे हो जायेगी गेहूँ की पूरी कटाई। ट्रेक्टर रिपर मशीन से कटाई की प्रक्रिया हो जायेगी आसान। देखें वीडियो।

स्रोत: यूट्यूब

कृषि से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

करेले की फसल में वायरस का प्रकोप एवं नियंत्रण के उपाय

Virus outbreak in bitter gourd crop
  • किसान भाइयों अधिक गर्मी एवं मौसम परिवर्तन के कारण करेले की फसल में वायरस फैलने की सम्भावना बढ़ जाती है।

  • करेले की फसल पर मुख्यतः मोज़ेक वायरस का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है। 

  • इस वायरस का वाहक सफेद मक्खी है। 

  • यह पत्तियों से रस चूस कर एक पौधे से दूसरे पौधे को संक्रमित करती है। 

  • इस रोग के लक्षण पौधे की सभी अवस्थाओं में देखे जाते हैं। इसके कारण पत्तियों की शिरायें पीली पड़ जाती हैं एवं पत्तियों पर जाल जैसी संरचना बन जाती है।

  • इससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है। फल पीले, छोटे एवं असामान्य आकार के बनते हैं।

  • रासायनिक प्रबधन: इस के निवारण के लिए नोवासीटा (एसिटामिप्रीड 20% एसपी) @ 100 ग्राम या पेजर (डायफैनथीयुरॉन 50% डब्ल्यूपी) @ 250 ग्राम या प्रुडेंस (पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% ईसी) @ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • जैविक प्रबधन: जैविक उपचार के रूप में बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें। 

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

पूर्वोत्तर व दक्षिण भारत में होगी प्री मानसून वर्षा, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र एक बार फिर दक्षिण पश्चिमी राजस्थान के ऊपर पहुंच रहा है जिससे हवाएं बलूचिस्तान और राजस्थान के थार मरुस्थल से होते हुए आएंगी तथा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र सहित तेलंगाना में गर्मी बढ़ाएंगी। तमिलनाडु के आंतरिक जिलों सहित केरल और कर्नाटक के कई जिलों में बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश के आसार हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share