Flower promotion nutrients in watermelon

  • तरबूज में फूल वाली अवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण होती है|
  • तरबूज के उत्पादन में फूलों की संख्या बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है|
  • बुवाई के 40-45 दिनों बाद तरबूज की फसल में फूल वाली अवस्था प्रारम्भ होती है|
  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा तरबूज की फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है|
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली./एकड़ का स्प्रे करें|
  • समुद्री शैवाल का सत् 180-200 मिली. /एकड़ का उपयोग करें|
  • सूक्ष्म पोषक तत्त्व 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें|
  • 2 ग्राम /एकड़ जिब्रेलिक एसिड का स्प्रे भी कर सकते है|

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Irrigation management in snake gourd

  • ककड़ी की बुवाई के पूर्व पहली सिंचाई करते है ताकि बीज की बुवाई अच्छे से की जा सके|
  • इसके बाद 1 सप्ताह में एक बार सिंचाई करते है|
  • गर्मी का मौसम या अधिक धूप पड़ने की दशा में 4-5 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की जाती है|
  • इसके फसल के लिए ड्रिप विधि से सिंचाई सर्वोत्तम होती है| इससे पानी की भी बचत हो जाती है|
  • परागण एवं फल की लम्बाई बढ़ने वाली अवस्था इसके सिंचाई की क्रांतिक अवस्था होती है|

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Sowing method and seed rate of Bitter gourd

  • करेले के बीज का आवरण कड़ा होता है, इसलिए 2-3 माह पुराने बीजों को रात भर के लिए ठंडे पानी में भिगोया जाता है।
  • बीजों को अच्छे अंकुरण के लिए एक से दो दिन तक नम कपडे में लपेट कर रखा जाता है।
  • बीजों में अंकुरण के तुरन्त पश्चात ही गडढों में बो दिया जाता है।
  • प्रत्येक गडढे में 4-5 बीजों की बुवाई की जाती है।
  • 1.5 -2 किलों देशी बीज एक एकड़ भूमि के लिए पर्याप्त होते है। संकर एवं प्रायवेट कम्पनी के उन्नत बीज 400-600 ग्राम प्रति एकड़ लगते है| बीजदर किस्मों एवं लगाने के तरीकों पर निर्भर करती हैं|
  • बीज प्रायः सीधी बुवाई के द्वारा ही बोया जाता है।
  • प्रत्येक गडढों में 4-5 बीजों को 2 से.मी. गहराई में बोना चाहिये।

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Control of Aphid in Mustard

  • माहू फसल की सभी अवस्थाओं मे हानि पहुँचाता है|
  • माहू का वयस्क एवं निम्फ दोनों ही अवस्था पौधों को नुकसान पहुँचती है|
  • यह फली, पत्ती एवं फूलों से रस को चूसता है जिस कारण पत्तियाँ मुड़ने लगती है|
  • अंत में पत्तियाँ एवं फूल इत्यादि सूख कर गिरने लगती है जिस कारण उपज कम हो जाती है|

नियंत्रण के उपाय:-

  • फसल चक्र अपनाएँ|
  • अनुशंसित मात्रा में ही उर्वरकों का प्रयोग करें|
  • जो पौधे ज्यादा प्रभावित हो उन्हें उखाड़ के नष्ट कर दे|
  • रासायनिक नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी एक कीटनाशक का स्प्रे करें।
  • इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. @ 100 मिली/एकड़ या थायोमिथोक्सोम 25 डब्लूजी @ 75 ग्राम/ एकड़ या डाईमिथोएट 30% ई.सी.
  • छिड़काव शाम के समय ही करें|

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Sowing method and seed rate of Bottle gourd

  • अच्छे अकुरण के लिये बीजों को बुवाई के पहले 24-48  घंटे पानी में डूबा कर रखे।
  • एक एकड़ भूमि के लिये उन्नत किस्म के 1 से 1.5 कि. ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • एक गढ्ढे में चार से पाँच बीजों को बोया जाता है।
  • बीजों के अंकुरण के दो सप्ताह के बाद अस्वस्थ एवं छोटी वृद्धि वाले पौधों को उखाड़कर अलग कर देना चाहिये, ताकि प्रत्येक गढ्ढे में 2 से 3 स्वस्थ पौधे ही रहे।
  • संकर एवं प्राइवेट कम्पनी के किस्मों की बीज दर 300-500 ग्राम/एकड़ होती हैं| बीजदर किस्मों एवं लगाने के तरीकों पर निर्भर करती हैं|

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Irrigation in Tomato

  • फसल की प्रायः 8-12 दिनों के अंतराल से सिंचाई की जाती है।
  • ग्रीष्म ऋतु में फसल को 5-6 दिनों के अंतराल से सिंचाई की आवश्यक होती है।
  • प्रायः सिंचाई हेतु खुली नाली (ओपन फरो) विधि का प्रयोग किया जाता है।
  • फूल की अवस्था में पानी की कमी होने पर उत्पादन एवं फलन पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं|

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Nutrient Management in Snake Gourd

  • भूमि की तैयारी के समय अच्छी तरह सड़ी हुई कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करें|
  • 12:32:16 के मिश्रण को 50 ग्राम/पिट की दर से बेसल डोज में दें|
  • साथ ही युरिया 25 ग्राम/पिट बीज बोने के 30 दिन बाद प्रयोग करें|
  • 19:19:19 या 0:52:34 को 100 ग्राम/पिट की दर से फल की वृद्धि के समय पर उपयोग करें|
  • फास्फोरस घुलनशील बैक्टेरिया और एज़ोस्पाइरिलम 500 मिली /एकड़ का प्रयोग करें|
  • स्यूडोमोनास 1 कि.ग्रा/एकड़ को 20 कि.ग्रा कम्पोस्ट और 40 किलोग्राम नीम की खली के साथ आखरी जुताई के पहले खेत में मिलाये|

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Control of Blight in Maize

मक्का का यह रोग फफूंद जनित रोग है जो की फसल की विभिन्न अवस्थाओ पर लगता है इसके लक्षण पत्तियो पर तथा मक्का के भुट्टों पर देखने को मिलते है शुरुआती लक्षण के रूप में पनीले धब्बे पत्तियों पर बनते है, जो बाद में बड़े होते जाते है जिनका रंग धूसर भूरा होता है|

  • फसल चक्र अपनाने से फसल अवशेषों में उपस्थित रोग को कम किया जा सकता है|
  • खेत की अच्छे  से जुताई करने से भी फसल अवशेषों को ख़त्म कर देती है |
  • उपज में होने वाले नुकसान को कम करने के लिए फफूंदीनाशक का स्प्रे करे |
  • मेंकोजेब 75% WP 400 ग्राम या मेटालेक्ज़ील 35% WS 150 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें|

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Sowing method of Snake gourd

  • मध्य भारत में ककड़ी के बीजों को मेढों में या समतल क्यारियों या गढ्ढे में बोया जाता है।
  • सामान्यतः बीजों की बुवाई मेढों के किनारे वाले ऊपरी भाग पर की जाती है। गर्मी के मौसम में लताओ को भूमि की सतह पर फैलने दिया जाता है।
  • एक गढ्ढे में 5-6 बीजों की बुवाई की जाती है। उसमे से केवल दो ही लताओ को बढने के लिये छोड़ा जाता है।
  • बीजों के बुवाई  करने के पूर्व 12 घंटे पानी में डूबाकर रखा जाता है, तत्पश्चात फूले हुये बीजों की बुवाई की जाती है।
  • जब पौधों को रोपाई विधि के द्वारा लगाया जाता है, तब बीजों की बुवाई 10-15 से.मी. वाले पाँलीथीन बैग में पूर्ण रूप से पका हुआ कार्बोनिक खाद भरकर की जाती है।
  • इस विधि से तैयार किये गये पौधों को दो-पत्ती अवस्था में अथवा तीन सप्ताह के बाद ही खेत में लगाया जाता है।

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Seed rate of Muskmelon

खरबूज की बीज दर उसको लगाने के तरीके और किस्म पर निर्भर करती हैं|

  • उन्नत एवं रिसर्च किस्में:- 1.5 -2 किलो/ एकड़ |
  • हाईब्रिड किस्में:- 200-400 ग्राम/ एकड़

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