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बल्ब नेमाटोड यानी कंद सूत्रकृमि प्याज एवं लहसुन के पौधे में घाव उत्पन्न करते हैं या फिर रंध्रों के माध्यम से प्रवेश करते हैं। इसके साथ ही इनसे पौधों में गांठे बनती हैं और पौधें में विकृतियां पैदा हो जाती हैं।
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यह कवक और जीवाणु जैसे रोगजनकों के आक्रमण के लिए भी परिस्थिति पैदा कर देते हैं। इनके प्रकोप के कारण प्याज एवं लहसुन की वृद्धि अवरुद्ध हो जाती है, कंदों में रंगहीनता और सूजन पैदा हो जाती है।
प्रबंधन:
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सूत्रकृमि के बेहतर नियंत्रण के लिए कार्बोफ्यूरान 3% दानेदार कीटनाशक @ 8 किग्रा/एकड़ मिट्टी में दें।
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सूत्रकृमि के जैविक नियंत्रण के लिए पेसिलोमायसिस लिनेसियस (निमेटोफ्री) @ 1 किलो/एकड़ या नीम खली @ 200 किग्रा/एकड़ जमीन से दें।
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प्याज एवं लहसुन के जिन कंदो में रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हों उनको बीज के लिए नहीं रखना चाहिए।
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खेतों और उपकरणों की उचित स्वच्छता बनाए रखना भी आवश्यक है क्योंकि यह सूत्रकृमि संक्रमित पौधों और अवशेषों में जीवित रहता है और पुनः उत्पन्न हो सकता है।
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