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- इस रोग में पत्तियों पर हल्के भूरे रंग के संकेंद्रित धब्बे बनते हैं व अन्त में पत्तियाँ सूखकर झड़ने लगती है।
- वातावरण में नमी की अधिकता होने पर ही यह रोग दिखाई देता है एवं उग्र रूप से फैलता है।
- इससे बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ब 63% WP @ 2.5 ग्राम/किलो बीज या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम/किलो बीज की दर से बीज उपचार करना आवश्यक है।
- थियोफैनेट मिथाइल 70% WP @ 500 ग्राम/एकड़ या सूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- कीटाजिन @200 ग्राम/एकड़ या बैसिलस सबटिलस @250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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