अजोला एक जलीय फर्न है जो सामन्यतः धान के खेत या उथले पानी में उगाया जाता है।
अजोला में एनाबिना नामक नील हरित शैवाल जाति का एक सूक्ष्म जीव होता है जो सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में वायुमण्डलीय नत्रजन का स्थरीकरण करता है और इसमें 3.5 प्रतिशत नत्रजन तथा कई तरह के कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो भूमि की ऊर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं।
अजोला को खाद के रूप में उपयोग से धान की फसल में 5 से 15 प्रतिशत उत्पादन वृद्ध संभावित रहती है।
अजोला के उपयोग से प्रोटीन, एमिनो एसिड, विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहे की पूर्ति होती है जिससे पशुओं का शारीरिक विकास अच्छा है।
अजोला चारे का उपयोग कर पशुओं से 20% अधिक दूध उत्पादन बढ़ता है और इसके दूध में वसा व वसा रहित पदार्थ अधिक पाया जाता है।
वर्तमान में पशुओं हेतु उपयोगी पोषक तत्वों की उपलब्धता को देखते हुए अजोला को दुधारू जानवरों, मुर्गियों व बकरियों के लिए सस्ता, सुपाच्य एवं पौष्टिक पूरक पशु आहार कहा जा सकता है।