कद्दू वर्गीय फसल में कुकम्बर मोज़ेक वाइरस के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय!

  • कुकम्बर मोज़ेक वाइरस का रोगवाहक माहु कीट है। कद्दु वर्गीय फसलें, कुकम्बर मोज़ेक वाइरस के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। 

  • इसके प्रकोप से शुरुआत में पत्तियों पर पानी से भरे पीले धब्बे विकसित होते हैं। 

  • ये धब्बे तेजी से बढ़ते हैं और हल्के भूरे या सफेद केंद्र के साथ पहले गोलाकार आकृति लेते हैं और फिर अनियमित आकृति में बदल जाते हैं।

  • ये धब्बे आपस में मिलकर बड़े घाव में परिवर्तित हो जाते हैं।

  • पौधे गंभीर रूप से बौने हो जाते हैं और पत्तियां विकृत हो जाती हैं। 

  • फूल व फल निर्माण की अवस्था में संक्रमण होने पर इसके कारण फल विकृत हो जाते हैं और इसकी वजह से पैदावार में भारी कमी आती है। 

  • अंत में पत्तियां सूख जाती हैं और पौधा भी मर जाता है। 

रोकथाम के उपाय 

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए, एडमायर (इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्ल्यूजी) @ 14 ग्राम + सिलिकोमैक्स गोल्ड @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

  • 3 दिन बाद, प्रिवेंटल BV @ 100 ग्राम, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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