-
फसल कटाई के बाद सबसे आवश्यक कार्य अनाज भंडारण का होता है।
-
वैज्ञानिक विधि द्वारा अनाज भंडारण करने से अनाज को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है l प्राय: खाद्यान्नों में लगने वाले कीट कोलिओप्टेरा एवं लेपिडोप्टेरा गण के होते हैं जो भंडारित अनाज में अधिक नमी और तापमान की दशा में अधिक हानि पहुँचाते है।
-
अनाज भंडारण के समय लगने वाले प्रमुख कीट अनाज का छोटा बेधक, खपड़ा बीटल, आटे का लाल भृंग, दालों का भृंग, अनाज का पतंगा, चावल का पतंगा आदि प्रकार कीट भंडारण के दौरान अनाज को नुकसान पहुंचाते है l
-
यह सभी कीट भंडारण के दौरान अनाज को खाकर खोखला कर देते है। जिससे उपज का बाजार मूल्य प्रभावित होता है l
-
इन कीटो से अनाज को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण करने के पहले गोदामों की अच्छी प्रकार से साफ-सफाई करें, एवं नीम की पत्तियां जलाकर, भण्डार गृह में धुआँ करें।
-
अनाज को अच्छी तरह से सुखाकर ही भंडारित करें एवं भंडारित करते समय रसायन ग्रेन गोल्ड 1 एम्पुल प्रति क्विंटल अनाज की दर से उपयोग करें l
Shareकृषि एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही उपयोगी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।