सरसों में आरा मक्खी के प्रकोप की ऐसे करें पहचान व नियंत्रण

  • सरसों की फसल में अंकुरण के 25-30 दिन बाद आरा मक्खी बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है।

  • इस कीट के मादा वयस्क का पिछला भाग काफी विकसित एवं आरी के जैसा होता है जिसकी मदद से ये पत्तियों में छेद करके अंडे देती है। यह पौधे से रस को चूसती है और फूल को संक्रमित कर उड़ जाती है। अक्सर पुष्प क्रम के प्रमुख भाग को यह मक्खी चट कर जाती है, जिससे पौधे की बढ़वार भी रुक जाती है।

  • इस कीट का लार्वा सूर्यास्त के बाद एवं प्रातः काल के समय पत्तियों को खाता है एवं दिन में मिट्टी के अंदर छिपा रहता है।

  • आरा मक्खी का फसल पर अधिक प्रकोप होने पर पत्तियों के स्थान पर शिराओं का जाल ही शेष रह जाता है।

  • इसके नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 500 मिली या थियामेथॉक्साम 12.6% + लैम्ब्डा सिहलोथ्रिन 9.5% जेडसी @ 80 ग्राम या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक नियंत्रण के लिए बवेरिया बेसियाना 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें l

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