ऐसे करे जीवाणु खाद से बीजोपचार, बरतें ये सावधानियां

  • यूरिया से 46% नाइट्रोजन प्राप्त होती है जबकि वातावरण में 78% नाइट्रोजन होती है। वातावरण की इस नाइट्रोजन को दलहनी फसलों में राइजोबियम जीवाणु व अन्य फसलों में एजोटोबैक्टर जीवाणु पौधों को उपलब्ध कराते है l

  • डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरकों का फास्फोरस पौधों को उपलब्ध नहीं होता है। पी एस बी जीवाणु इस फास्फोरस को भी पौधों को उपलब्ध करा देता है।

जीवाणु खाद (कल्चर) के प्रकार:

  • एजोटोबैक्टर कल्चर: तिलहनी फसलों के लिए उपयोगी जैसे सरसों, तिल और अनाज जैसे गेहूँ, धान, मक्का आदि।

  • राइजोबियम कल्चर: दलहनी फसलों के लिए उपयोगी जैसे उड़द, मुंग, मूंगफली, ग्वार, सोयाबीन आदि।

  • पी एस बी कल्चर: सभी प्रकार की फसलों के लिए उपयोगी।

जीवाणु खाद (कल्चर) से बीजोपचार की विधि:
एक एकड़ के बीज को कल्चर से उपचारित करने हेतु 100 ग्राम गुड़ व आवश्यकतानुसार पानी गर्म करके घोल बनाएं। घोल ठंडा होने पर इसमें 250 ग्राम जीवाणु खाद मिलाएं। इस मिश्रण को एक एकड़ में बोये जाने वाले बीज में इस प्रकार मिलाएं कि बीजों पर एक सामान परत चढ़ जाए। बीजों को छाया में सुखाकर बुवाई करें।

सावधानियां:

  • फसल के अनुसार उपयुक्त कल्चर का प्रयोग करें।

  • कल्चर पैकेट को ठंडे एवं छायादार जगह पर रखें।

  • अंतिम प्रयोग तिथि से पहले ही कल्चर मिलाएं।

  • गुड़ का घोल ठंडा होने पर ही कल्चर मिलाएं।

  • उपचारित बीज को छाया में सुखाएं एवं उर्वरकों के साथ मिलाकर नहीं बोयें।

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