फसलों के अवशेष या पराली को खेतों में जला देने से पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है और प्रदूषण भी बढ़ता है। इसके अलावा इससे खेत में पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्मजीव भी नष्ट हो जाते हैं और भविष्य में लगाईं जाने वाली फसलों की पैदावार भी इससे कम हो जाती है।
सबसे ज्यादा पराली जलाने की समस्या हरियाणा में होती है। इस बार धान की रोपाई के साथ ही इसके पराली के बेहतर निस्तारण की योजना भी बना ली है। कृषि व किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने बताया है की इस बार किसान पराली से आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं इसलिए वे पराली जलाने की सोचे भी नहीं।
जो किसान पराली का निष्पादन किसी सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्यम में या फिर अन्य औद्योगिक इकाईयों में करेंगे उन्हें 1000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। बता दें की सरकार ने इस योजना के लिए 230 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
स्रोत: टीवी 9 भारत वर्ष
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