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वर्तमान मौसम की स्थिति के कारण सोयबीन की फसल बहुत अधिक प्रभावित हो रही है। सोयाबीन खरीफ की फसल है एवं इसके अच्छे उत्पादन के लिए पर्याप्त बारिश का होना बहुत आवश्यक होता है। पर इस समय जिस प्रकार से बारिश कहीं पर बहुत अधिक हो रही है और कही पर बिलकुल नहीं हो रही है, ऐसी परिस्थिति में, कम बारिश में सोयाबीन की फसल की सुरक्षा के निम्र प्रकार से की जानी चाहिए।
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सोयाबीन की बुआई मानसून आने के पहले नहीं करना चाहिए, क्योंकि यदि मानसून पूर्ण रूप से नहीं आता है तो सोयाबीन की फसल का अंकुरण बहुत प्रभावित होता है। इसलिए सोयाबीन की फसल की बुआई सही समय एवं मानसून आने पर ही करें।
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यदि किसी किसान ने बुवाई कर दी है, और खेत में नमी की मात्रा कम हो, तो ऐसे में खेत की हल्की सिंचाई अवश्य करें, ताकि सोयाबीन की फसल में, अंकुरण या विकास संबधी कोई समस्या ना हो।
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एक बात का अवश्य ध्यान रखें की जब खेत में सिंचाई की जा रही हो तब खेत में नमी की मात्रा अधिक ना हो वर्ना सोयबीन की फसल अधिक नमी के कारण ख़राब हो सकती है।
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कम बारिश की स्थिति में, यदि फसल में कवक एवं कीटों का प्रकोप दिखाई दे, तो आवश्यकतानुसार छिड़काव भी जरूर करते रहें।
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