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खरीफ के मौसम में तापमान में काफी उतार-चढ़ाव तथा वातावरण में बहुत नमी रहती है जिसके कारण रस चूसक कीटों का आक्रमण फसलों के जीवन चक्र में कभी भी हो सकता है।
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रसचूसक कीटों में थ्रिप्स, एफिड, जैसिड, मकड़ी, सफ़ेद मक्खी आदि शामिल हैं और यह सभी कीट फसलों की पत्तियो का रस चूसकर कर फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।
आइये जानते हैं इन कीटों के नियंत्रण के उपाय
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थ्रिप्स नियंत्रण: प्रोफेनोफोस 50% EC @ 500 मिली/एकड़ या एसीफेट 75% SP @ 300 ग्राम/एकड़ लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 250 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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एफिड/जैसिड नियंत्रण: एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% SP@ 400 ग्राम/एकड़ या एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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सफ़ेद मक्खी नियंत्रण: डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ या फ्लोनिकामिड 50% WG @ 60 ग्राम/एकड़ या एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।
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मकड़ी नियंत्रण: प्रॉपरजाइट 57% EC @ 400 मिली/एकड़ या स्पायरोमैसीफेन 22.9 % SC @ 200 मिली/एकड़ या एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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इन सभी कीटों के जैविक नियंत्रण के लिए बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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