जिस प्रकार कवकनाशकों से बीज़ उपचार करने से फसल की अंकुरण क्षमता बढ़ती है ठीक उसी तरह कीटनाशकों के द्वारा बीज़ उपचार करने से फसल में अंकुरण क्षमता बढ़ती है।
कीटनाशकों के द्वारा बीज़ उपचार करने से फसल में मिट्टी जनित कीटों के साथ-साथ रस चुसक कीटो का भी नियंत्रण होता है।
जैविक कीटनाशक से बीज़ उपचार करने से भूमि में दीमक एवं सफेद ग्रब आदि की रोकथाम के लिए लाभकारी है।
कीटनाशकों में प्रमुख रूप से इमिडाक्लोप्रिड 48% FS एवं थियामेंथोक्साम 30% FS उत्पाद का उपयोग किया जाता है।