-
इस रोग की वजह से पौधे की बढ़वार रुक जाती है तथा पत्तियों पर पीलापन आ जाता है और पौधा ऊपर से नीचे की ओर सूखता चला जाता हैं।
-
संक्रमण के प्रारंभिक चरण में, पौधों की जड़ें गुलाबी हो जाती हैं और सड़ने लगती हैं।
-
बल्ब के निचले सिरे सड़ने लगते हैं और अंततः पूरा पौधा मर जाता है।
-
नम मिट्टी और 27 डिग्री सेल्सियस तापमान इस रोग के विकास के लिए अनुकूल होता है।
-
इस रोग के निवारण के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP @ या 300 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
-
जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से पौधों के पास जमीन के माध्यम से दें।
Shareअपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।