अमरुद की छाल खाने वाली ईल्ली:- इस कीट के संक्रमण की पहचान शिराओं, शाखाओं, तनों एवं मुख्य तने पर बनी अनियमित सुरंग एवं पेच जिस पर जाले के साथ खाई हुई लकड़ी का भूरा एवं कीट का मल लगा होता है, से होती है| छेद विशेष रूप से शिराओं और शाखाओं के जोड़ों पर भी देखा जा सकता है| युवा शाखायें सूखी और मर जाते हैं जिससे पौधे को बीमार दिखते हैं।
प्रबंधन:-·
- इस कीट के संक्रमण को रोकने के लिए बाग साफ और स्वस्थ रखें।
- शुरुआती संक्रमण को पहचानने के लिए समय समय पर सुखी कोमल शिराएँ देखे|·
- शुरुआती संक्रमण में ईल्ली द्वारा बनाए गए छेदों में लोहे का तार डाल कर ईल्ली को मार देना चाहिए| ·
- अधिक संक्रमण होने पर जालों को हटा कर कपास की रूई के फोये को डायक्लोरोवास 0.05% के घोल में डूबा कर इनके बने छेद में भर देना चाहिए या मोनोक्रोटोफोस 0.05% या क्लोरोपाईरीफास 0.05% इंजेक्शन से डाल कर मिट्टी से छेद बंद करे|
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