इसे घृतकुमारी भी कहते है। इसके सेवन करने से वात दोष से होने वाली पेट की बीमारियाँ ठीक हो जाती है।
इसके कोमल गुदे को 10 ग्राम सुबह-शाम नियमित खाने ने गठिया रोग ठीक होने लगता है।
जलने पर, कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोवेरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है।
यह खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
यह त्वचा सम्बन्धित विकार जैसे रूखी त्वचा, मुंहासे, झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी एड़ियों के लिए यह लाभप्रद है।
इसके अतिरिक्त डायबिटीज़, बवासीर, जोड़ों का दर्द, बाल का घने-लंबे एवं मजबूत करने आदि में एलोवेरा का उपयोग फ़ायदेमंद होता है।